देश के करोड़ों रेल यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी, सफर होगा और सुहाना
भारतीय रेल ने सफर के दौरान यात्रियों को स्वच्छ, ताजा व पौष्टिक भोजन मिल सके, इसके लिए पैंट्री कार के बनावट में बदलाव करने का फैसला किया गया है।
नई दिल्ली (संतोष कुमार सिंह)। स्वर्णिम व उत्कृष्ट योजना से रेल कोच की सूरत बदली जा रही है, वहीं अब पैंट्री कार की भी रंगत बदलने की तैयारी है। सफर के दौरान यात्रियों को स्वच्छ, ताजा व पौष्टिक भोजन मिल सके, इसके लिए पैंट्री कार के बनावट में बदलाव करने का फैसला किया गया है। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी ने) इसका प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे रेलवे बोर्ड से मंजूरी भी मिल गई है। अब जल्द इसका काम शुरू होगा और अगले तीन वर्षों में पैंट्री कार को लेकर यात्रियों की शिकायतें दूर कर दी जाएंगी।
खर्च होंगे 250 करोड़ रुपये, तीन वर्षों में पूरा किया जाना है काम
ट्रेनों के पैंट्री कार की पारंपरिक तरीके से सफाई को लेकर अक्सर यात्री शिकायत करते हैं। इसके साथ ही भोजन को गर्म रखने की भी अच्छी सुविधा नहीं है। सुरक्षा को लेकर भी कुछ कमियां हैं, जिससे आग लगने का खतरा बना रहता है। इन खामियों की वजह से सफर के दौरान खाद्य सामग्री को रखने, भोजन तैयार करने व यात्रियों को पौष्टिक भोजन परोसना बड़ी चुनौती है। पैंट्री कार के बनावट में बदलाव करके इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। इस पर आइआरसीटीसी तीन वर्षों में लगभग 250 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम ने तैयार की योजना
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पैंट्री कार को अत्याधुनिक बनाया जाएगा ताकि स्वच्छ तरीके से भोजन पकाया व रखा जा सकेगा। पैंट्री कार को अपग्रेड करने के साथ ही इसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी आइआरसीटीसी की होगी। इस पर आने वाले खर्च को ध्यान में रखकर ट्रेनों में खानपान की सुविधा उपलब्ध कराने से मिलने वाले राजस्व के बंटवारे में भी बदलाव किया जाएगा। अब तक इससे मिलने वाले राजस्व का 40 फीसद हिस्सा भारतीय रेल को मिलता था। इसे कम करके अब 15 फीसद किया जा रहा है। शेष राशि आइआरसीटीसी अपने पास रखेगा। इसे लेकर रेलवे बोर्ड की ओर से पत्र भी जारी कर दिया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों को सफर में स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराने के लिए रेल प्रशासन कई कदम उठा रहा है। ई-कैटरिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही निजी एजेंसियों के साथ भी समझौता किया गया है। यात्रियों से खानपान को लेकर फीडबैक भी लिए जा रहे हैं ताकि खामियों को दूर किया जा सके। इसी कड़ी में आइआरसीटीसी ने यह एक और बड़ा फैसला किया है।