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Nirbhaya Case: HC ने बढ़ाई मुश्किल, अब 7 दिन में विनय, अक्षय और पवन को आजमाने होंगे ये विकल्प

Nirbhaya Case कोर्ट के फैसले के बाद अगर निर्भया के दोषियों ने सात दिन के भीतर अपने सभी विकल्प आजमाए तो चारों की फांसी का रास्ता जल्द साफ हो सकता है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 08:03 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 08:24 PM (IST)
Nirbhaya Case: HC ने बढ़ाई मुश्किल, अब 7 दिन में विनय, अक्षय और पवन को आजमाने होंगे ये विकल्प
Nirbhaya Case: HC ने बढ़ाई मुश्किल, अब 7 दिन में विनय, अक्षय और पवन को आजमाने होंगे ये विकल्प

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Nirbhaya Case : दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली और केंद्र सरकार की निर्भया के दोषियों की फांसी पर रोक लगाने के फैसले पर अहम आदेश दिया है, जिसके तहत दोषियों को सात दिनों के भीतर अपने विकल्प आजमाने होंगे। कोर्ट के फैसले के बाद अगर निर्भया के दोषियों ने सात दिन के भीतर अपने सभी विकल्प आजमाए तो चारों की फांसी का रास्ता जल्द साफ हो सकता है। बता दें कि मुकेश सिंह को छोड़कर बाकी बचे विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता और अक्षय ठाकुर के पास विकल्प बचे हैं, जिसके तहत वे फांसी से राहत की गुहार लगा सकते हैं। 

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किसके पास कितके विकल्प

मुकेश सिंह : चारों दोषियों में से एक मुकेश कुमार सिंह के पास फिलहाल कोई विकल्प नहीं है। पुनर्विचार याचिका खारिज होने के अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी उसकी दया याचिका खारिज कर चुके हैं। केंद्र और दिल्ली सरकार ने अलग-अलग फांसी देने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जो बुधवार को खारिज हो गई। 

विनय कुमार शर्मा : सिर्फ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर करने का ही एकमात्र विकल्प बचा हुआ है। हालांकि, दया याचिका खारिज होने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती भी दे सकता है। 

अक्षय ठाकुर : अक्षय सिंह ठाकुर की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है। उसके पास राष्ट्रपति के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का विकल्प बचा हुआ है। यह खारिज होने के बाद वह भी फांसी के करीब पहुंच जाएगा। 

पवन कुमार गुप्ता : चारों दोषयों में से सिर्फ पवन गुप्ता के पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन और राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने का विकल्प शेष है।

... तो एक साफ नहीं होगी फांसी

बुधवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने अहम फैसले में पटियाला हाउस कोर्ट के उस आदेश को रद करने से मना कर दिया, जिसमें निर्भया के दोषियों फांसी लगाने वाले फैसले के खिलाफ याचिका डाली गई थी। याचिका में केंद्र सरकार की ओर से तर्क दिया गया था कि चारों दोषियों में से एक मुकेश सिंह के पास सारे कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं, लिहाजा उसे फांसी दी जा सकती है। वहीं, कोर्ट ने चारों को अलग-अलग फांसी देने की याचिका खारिज कर दी। 

यहां पर बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 31 जनवरी को निर्भया के दोषियों के लिए जारी दूसरे डेथ वारंट को टालते हुए अगले आदेश तक फांसी दिए जाने पर रोक लगा दी थी।


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