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Nirbhaya Case: दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी, अभी भी बचे हैं दो विकल्‍प, यहां जानिए

Nirbhaya case कोर्ट के द्वारा आदेश जारी करने के बाद दोनों पक्षों के वकील ने अपना अपना तर्क मीडिया के सामने रखे। एक ने कहा बहुत विकल्‍प तो दूसरे ने कहा देश को न्याय की उम्‍मीद।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 05:11 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 07:16 AM (IST)
Nirbhaya Case: दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी, अभी भी बचे हैं दो विकल्‍प, यहां जानिए
Nirbhaya Case: दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी, अभी भी बचे हैं दो विकल्‍प, यहां जानिए

नई दिल्‍ली, जागरण संवाददाता। निर्भया कांड के दोषियों के खिलाफ तीसरी बार डेथ वारंट जारी हुआ है। सोमवार को निर्भया के परिजनों और दिल्ली सरकार की अर्जी पर पटियाला हाउस की एक अदालत ने चारों दोषियों को 3 मार्च की सुबह छह बजे फांसी देने का आदेश जारी किया है।

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पवन के बाद मुकेश ने भी वकील बदलने की मांग

अतिरिक्त सत्र न्यायालय में सुनवाई के दौरान दोषी मुकेश की तरफ से बताया गया कि वह नहीं चाहता है कि अब अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर उसका प्रतिनिधित्व करें। इस पर वृंदा ग्रोवर ने अदालत से अपील की कि उन्हें इस केस से मुक्त किया जाए। इस दलील को मानते हुए जज ने वृंदा ग्रोवर को केस से निवृत्त कर दिया। इसके बाद मुकेश की मां ने एक अर्जी दायर कर वकील मुहैया कराने की मांग की। जज ने इस अर्जी पर अधिवक्ता रवि काजी को ही मुकेश का प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा। रवि काजी को पिछली सुनवाई पर दोषी पवन का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया गया था, क्योंकि पवन ने अपने पुराने अधिवक्ता एपी सिंह से खुद को अलग कर लिया था।

भूख हड़ताल पर बैठा है विनय 

सुनवाई के दौरान विनय के अधिवक्ता एपी सिंह ने अदालत को बताया कि वह तिहाड़ जेल में 11 फरवरी से भूख हड़ताल पर है। इस पर जज ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि विनय का ध्यान रखा जाए। साथ ही अदालत को बताया गया कि विनय पर जेल में हमला हुआ था और उसके सिर पर गंभीर चोट आई थी। चोट की वजह से उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और ऐसे में उसे फांसी नहीं दी जा सकती। वहीं अक्षय के परिजनों ने अधूरी दया याचिका दायर कर दी है। ऐसे में उसमें सुधार कर फिर से दायर किया जाना है।

सात दिन का वक्‍त बीत चुका

पवन के अधिवक्ता रवि काजी ने अदालत में दलील दी कि अदालत ने सभी उपाय करने के लिए दोषियों को सात दिन का समय दिया था, लेकिन पवन अभी तक अपनी क्यूरेटिव पिटिशन और दया याचिका दायर नहीं कर पाया। क्योंकि उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील नहीं थे। अब उनकी पवन के साथ बैठक है और उसके बाद क्यूरेटिव पिटिशन दायर करेंगे। हालांकि तमाम दलीलों के बाद अदालत ने नया डेथ वारंट जारी कर दिया।

अभी दोषियों के पास क्‍या है विकल्‍प

दोषियों को कोर्ट के आदेश के अनुसार तीन मार्च को सजा देने की तारीख मुकरर्र हुई है। हालांकि, अभी उनके पास कुछ विकल्‍प मौजूद हैं। कुल चार दोषियों में तीन दोषियों ने अपने सारे विकल्‍प का इस्‍तेमाल कर दिया है। एक दोषी पवन ने अभी अपने विकल्‍प को इस्‍तेमाल नहीं किया है। पवन के पास दो विकल्‍प हैं। पहला वह क्‍यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर सकता है। वहीं, दूसरा यह है कि वह राष्‍ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर सजा की माफी के लिए कह सकता है। इन दोनों विकल्‍प के खत्‍म होने के बाद ही उसके कानूनी विकल्‍प खत्‍म होंगे तब उसे फांसी दी जा सकती है। इससे पहले कोर्ट ने यह भी कहा है कि दोषियों को कानूनी विकल्‍प मौजूद रहने तक सजा नहीं दी जा सकती है।

निर्भया की मां ने कहा-

पीड़िता निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि नया डेथ वारंट जारी हो गया है। इससे मैं बहुत खुश हूं। अब बस वो जारी की गई तारीख 3 मार्च को फांसी पर लटक जाएं।

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