मोइन कुरैशी रिश्वतकांडः CBI DSP देवेंद्र व मनोज 14 दिन की न्यायिक हिरासत में
मंगलवार को ही डीएसपी देवेंद्र कुमार की सीबीआइ रिमांड खत्म हुई थी। रिमांड खत्म होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट अब बुधवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। मोइन कुरैशी रिश्वत कांड में गिरफ्टार सीबीआइ के डीएसपी देवेंद्र कुमार और बिचौलिए मनोज प्रसाद को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जेल भेज दिया है। पटियाला हाउस स्थित सीबीआइ कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संतोष सनेही ने मंगलवार को दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है।
मंगलवार को सीबीआइ कोर्ट में गिरफ्तार डीएसपी देवेंद्र कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करने के लिए बुधवार का दिन तय किया है। डीएसपी ने सोमवार को कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। इस पर पहले मंगलवार को सुनवाई होनी थी।
डीएसपी की सीबीआइ रिमांड खत्म
रिश्वतकांड में गिरफ्तार देवेंद्र कुमार को कोर्ट ने सात दिन की सीबीआइ की रिमांड पर भेजा था। मंगलवार को ही सीबीआइ की रिमांड समाप्त हुई है। सीबीआइ की रिमांड खत्म होने पर मंगलवार को डीएसपी को कोर्ट में पेश किया गया था।
रिश्वत कांड से सीबीआइ में भूचाल
मालूम हो कि मोइन कुरैशी रिश्वतकांड सामने आने के बाद से सीबीआइ में भूचाल मचा हुआ है। यह पहला मौका है जब देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के दो सबसे वरिष्ठ अधिकारियों (निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना) के बीच जंग खुलेआम जंग छिड़ गई है। इनका विवाद सार्वजनिक होने पर दोनों अधिकारियों को सरकार द्वारा छुट्टी पर भेज दिया गया है। इनके बाद कुछ और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। ये पहला मौका है जब सीबीआइ में इतने बड़े स्तर पर अंदरूनी कलह सामने आई है।
राकेश अस्थाना को गिरफ्तारी से मिली है राहत
पूरे विवाद में छुट्टी पर भेजे गए केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को दिल्ली हाई कोर्ट से सोमवार को बड़ी राहत मिली है। राकेश अस्थाना की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर 1 नवंबर तक रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने सीबीआइ को भी जवाब देने के लिए 1 नवंबर तक का समय दिया है।
खबरों के अनुसार सीबीआइ को कोर्ट को यह बताना है कि उसने राकेश अस्थाना, आलोक वर्मा और देवेंद्र कुमार को छुट्टी पर क्यों भेजा है। कोर्ट ने इसके साथ ही यह भी साफ किया है कि सीबीआई को इसके लिए और समय नहीं दिया जाएगा। मतलब जांच एजेंसी को दिए गए समय में ही अपना जवाब पेश करना होगा।
हाई कोर्ट से एफआइआर रद्द करने की मांग
बता दें कि घूसकांड में छुट्टी पर भेजे गए राकेश अस्थाना ने अपनी याचिका में अपने खिलाफ एफआइआर रद्द करने की मांग की है। पिछली सुनवाई में उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तार पर 29 अक्टूबर तक रोक लगा दी गई थी।