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नम आंखों से शहीद को दी विदाई, बेटे ने कहा- सबके नसीब में नहीं होता तिरंगे में लपेटा जाना

जम्मू के सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में पाकिस्तान रेंजर्स की कायराना हरकत का शिकार हुए शहीद नरेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर सोनीपत पहुंच चुका है

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 10:52 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 02:03 PM (IST)
नम आंखों से शहीद को दी विदाई, बेटे ने कहा- सबके नसीब में नहीं होता तिरंगे में लपेटा जाना
नम आंखों से शहीद को दी विदाई, बेटे ने कहा- सबके नसीब में नहीं होता तिरंगे में लपेटा जाना

नई दिल्ली/सोनीपत (जेएनएन)। जम्मू के सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में पाकिस्तान रेंजर्स की कायराना हरकत का शिकार हुए शहीद नरेंद्र सिंह (51) के बेटे ने पिता की शहादत पर गर्व जताया है। शहीद पिता को मुखाग्नि देने वाले बड़े बेटे मोहित ने कहा कि तिरंगे में लपेटा जाना हर किसी के नसीब में नहीं होता। पाकिस्तानी रेंजर्स की हरकत से खफा मोहित ने कहा कि कल कोई और शहीद होगा, तब हम उस पर भी गर्व ही करेंगे। हम सरकार से मांग करते हैं कि वह पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए और उचित कार्रवाई करे। मोहित ने आगे कहा कि मैं और मेरा छोटा भाई दोनों बेरोजगार हैं। मैं सरकार से मदद की गुजारिश करता हूं कि वह हमारी मदद करे। 

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बड़े बेटे ने दी मुखाग्नि
इससे पहले बृहस्पतिवार को शहीद नरेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार सुबह 7 बजे दिल्ली से सीधे उनके गांव थाना कलां लाया गया। यहां भारत माता के जयकारों के बीच राजकीय सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। शहीद के बड़े बेटे मोहित ने मुखाग्नि दी।

नहीं रुक रहे थे पत्नी-बच्चों के आंसू
इस दौरान अंतिम दर्शन करने के लिए आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग जुटे। यहां उनके गांव से पहले ही कई किलोमीटर दूर बड़ी संख्या में बाइक सवार मौजूद थे।शहीद की अंतिम यात्रा के दौरान भावुक पत्नी संतोष, बेटे मोहित और अंकित के आंसू रोके नहीं रुक रहे थे।

सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार
शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण बेदी भी पहुंचे। जिला उपायुक्त विनय सिंह ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी। दाह संस्कार के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, समाजसेवी और राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए मौजूद रहे।  

मंगलवार को हुई थी बेटे से आखिरी बात
सोनीपत जिले के थाना कलां गांव के निवासी बीएसएफ के शहीद हेड कॉन्स्टेबल नरेंद्र सिंह के बच्चों की पढ़ाई के लिए उनका परिवार दिल्ली में रहता था। शहीद के बड़े बेटे मोहित ने बताया कि मां संतोष की पिता नरेंद्र सिंह से आखिरी बार मंगलवार को बात हुई थी। पिता ने परिवार के का हालचाल पूछा था और हमारी पढ़ाई के बारे में भी पूछा था। बुधवार सुबह पिता की शहादत की सूचना मिली।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी सोनीपत जाकर शहीद के परिजनों से मुलाकात की। 

यहां पर बता दें कि पाकिस्तान ने फिर कायरतापूर्ण कार्रवाई को अंजाम देते हुए जम्मू संभाग के सांबा जिले के रामगढ़ सब सेक्टर में पाकिस्तान रेंजर्स की गोलाबारी में शहीद सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) के जवान का पार्थिव शरीर भारत को सौंपने के बजाय उसके साथ बर्बरता की।

शहीद के गले को चाकू से रेतने के साथ उनकी एक आंख को भी निकालने की कोशिश की गई। यह पहली बार है जब जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के किसी जवान के पार्थिव शरीर से दुश्मन ने इस प्रकार की हरकत की है। पाकिस्तान की इस कार्रवाई के बाद जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हाई अलर्ट कर दिया गया है। बीएसएफ के जवानों को किसी भी प्रकार के हालात का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

शहीद की पहचान बीएसएफ की 176 बटालियन के हेड कांस्टेबल नरेंद्र कुमार(50) निवासी थाना कला, जिला सोनीपत, (हरियाणा) के रूप में हुई है। इस हमले के पीछे पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) का हाथ होने से भी इन्कार नहीं किया जा रहा है। पाकिस्तान की बैट टीम में पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ आतंकी भी रहते हैं। वे अक्सर भारतीय जवानों में दहशत पैदा करने के लिए ऐसी बर्बर कार्रवाई करते हैं। वहीं बीएसएफ के अधिकारी इस घटना पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं।


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