Jagran Sanskarshala: तकनीक और संवेदना का संतुलन सिखाएगा संस्कारशाला
Jagran Sanskarshala पिछले ग्यारह सालों में देशभर के छात्रों अभिभावकों और शिक्षकों ने दैनिक जागरण का वार्षिक अभियान संस्कारशाला में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। पिछले वर्ष संस्कारशाला स्वाधीनता के अमृत महोत्सव पर केंद्रित था। दैनिक जागरण संस्कारशाला के 12वें संस्करण का आरंभ तकनीक और व्यक्तित्व विकास पर केंद्रित।
जागरण संवाददाता,नई दिल्ली: Jagran Sanskarshala छात्रों के लिए दैनिक जागरण का वार्षिक अभियान संस्कारशाला आज से आरंभ हो रहा है। संस्कारशाला के इस संस्करण में कहानियों और लेखों के माध्यम से डिजीटल संस्कार विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। कोरोना महामारी के दौर में जब देश में लाकडाउन था तो इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म छात्रों के बीच लोकप्रिय हुए थे। पढ़ाई के अलावा साथियों के साथ संवाद और खेल इन्हीं प्लेटफार्म्स पर होने लगे थे।
छात्रों को घंटों मोबाइल स्क्रीन पर आंख गड़ाए देखा जाने लगा था। तब इस बात की आवश्यकता महसूस की गई कि छात्रों को डिजीटल माध्यम को लेकर संस्कारित और अनुशासित किया जाना चाहिए। वहां की सामग्री को कितनी गंभीरता से लेना चाहिए, झूठ और सच का विभेद कैसे करना चाहिए आदि। इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखकर इस वर्ष का संस्कारशाला तैयार किया गया है जिसमें छात्रों के डिजीटल संस्कार के माध्यम से अच्छाई की समझ विकसित करने का प्रयास होगा।
आपको बताते चलें कि दैनिक जागरण पिछले ग्यारह वर्षों से प्रतिवर्ष इस आयोजन को करता है जो शिक्षक दिवस (5 सितंबर) से आरंभ होकर बाल दिवस (14 नवंबर) तक चलता है। इस वर्ष डिजीटल संस्कार को ध्यान में रखकर आगामी दस सप्ताह तक प्रति सप्ताह कहानियां प्रकाशित की जाएंगी। फिर उन विषयों पर स्थानीय विद्यालय के प्रधानाध्यापकों की राय प्रकाशित की जाएगी। इससे छात्रों को विषय की गंभीरता को समझने में मदद मिल सकेगी।
संस्कारशाला की कहानियां और लेख दैनिक जागरण के साथ जागरण डाट काम पर भी उपलब्ध होगी। इंटरनेट मीडिया के अन्य माध्यमों से भी छात्रों तक पहुंचने की योजना बनाई गई है। पिछले ग्यारह सालों में देशभर के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने दैनिक जागरण के इस अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। पिछले वर्ष संस्कारशाला स्वाधीनता के अमृत महोत्सव पर केंद्रित था।