Jagran Agri Panchayat: कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, और किसान उसके प्राण हैं- शिवराज सिंह चौहान, कृषि मंत्री
जागरण एग्री पंचायत एक ऐसा मंच साबित हुआ जहां कृषि और किसानों से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ और कृषि क्षेत्र के विकास के तरीकों पर चर्चा की गई। खास बात यह थी कि सभा में किसानों को भी आमंत्रित किया गया था जहां उन्होंने कई सवाल पूछे और विशेषज्ञों ने उनके उत्तर दिए। साथ ही इनोवेटिव एग्रीकल्चर जैसे मुद्दों पर भी खुल कर चर्चा हुई।
डिजिटल टीम, नई दिल्ली। जागरण न्यू मीडिया ने Jagran Agri Panchayat Summit 2024 का पहला संस्करण नई दिल्ली के अशोक होटल में सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य संवाद के माध्यम से किसानों के लिए उन्नत कृषि का एक नया मार्ग प्रशस्त करना था। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम, और उत्तराखंड के कृषि एवं किसान मंत्री गणेश जोशी ने भाग लिया। साथ ही, इस कार्यक्रम में अधिकारी, पूर्व अधिकारी, कृषि से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं के अध्यक्ष, निदेशक और सीईओ भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम का पार्टनर Mother Dairy था, और इसे कृषि विभाग उत्तराखंड और Director Horticulture एवं Farm Forestry Chhattisgarh का समर्थन प्राप्त था।
समारोह में जागरण न्यू मीडिया के सीईओ भरत गुप्ता ने कहा कि भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी जीडीपी बनने का प्रयास कर रहा है।
इस आर्थिक क्रांति को देश की 47% से अधिक आबादी द्वारा संचालित किया जाएगा, जो कृषि में शामिल हैं और जीडीपी में कुल 17% योगदान देते हैं। सरकार ज्ञान, तकनीकी और समावेशी सोच के साथ आगे बढ़ रही है, जिससे विविध कृषि पहलों को स्केलेबल और सस्टेनेबल इकोसिस्टम की दिशा में पुनः कल्पना की जा सके।
समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि और किसान से जुड़े कई मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसके प्राण।
बिना खेती के दुनिया नहीं चल सकती, क्योंकि बाकी चीजें कहीं और बनाई जा सकती हैं, लेकिन गेहूं, चावल, फल-सब्जियां कारखानों में आर्टिफिशियल नहीं बन सकते। उन्हें खेतों में ही पैदा करनी पड़ेंगी। उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ हम खाद्य सुरक्षा मजबूत करेंगे और दूसरी तरफ किसान की आय बढ़ाएंगे। हमारी सरकार का संकल्प है किसानों की आय बढ़ाना, इसलिए जब नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने पहला काम किसानों के खाते में पैसा डालने का किया।
जागरण एग्री पंचायत में उत्तराखंड के कृषि एवं किसान मंत्री गणेश जोशी ने कहा, "मुझे खुशी है कि जागरण न्यू मीडिया द्वारा कृषि की वर्तमान चुनौतियों और समाधान विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया। उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां और कृषि जलवायु विभिन्न कृषि फसलों, फल, सब्जी, मसाला, फूल, मशरूम और शहद के उत्पादन के लिए अत्यधिक अनुकूल है, हालांकि यहां छोटी जोत की चुनौती भी है। कृषकों के हित और उनकी आय को दोगुना करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा स्टेट मिलेट मिशन, प्राकृतिक खेती, कृषि यंत्रीकरण, GI टैग, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली, कृषि ड्रोन जैसी अहम योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।"
समारोह में मौजूद छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा, "जागरण एग्री पंचायत समिट जागरण परिवार का कृषि और किसानों के प्रति दायित्व को दर्शाता है। कृषि में जो क्रांतिकारी परिवर्तन आए हैं, उनमें तकनीक के माध्यम से उत्पादन की भूमिका महत्वपूर्ण है। और आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ वह प्रदेश है, जहां देश में सबसे अधिक धान के उपार्जन की कीमत दी जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार प्रति एकड़ धान की उपज अनुमान के आधार पर नहीं, बल्कि जमीनी आधार पर 21 क्विंटल खरीद रही है। इसके अलावा, 3100 रुपये उनके खाते में ट्रांसफर किए जा रहे हैं।"
Jagran Agri Panchayat Summit 2024 में कृषि की चुनौतियों और किसानों की आय जैसे कई मुद्दों पर पैनल चर्चा की गई। इनके विषय थे:
- सतत कृषि के लिए नीतिगत पहल और योजनाएं, डेयरी और पशुपालन के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाएं, कृषि इनपुट के बेहतर उपयोग से उत्पादकता बढ़ाएं
- इनोवेटिव एग्रीकल्चर: वे फॉरवर्ड और नए मार्केटिंग चैनलों के माध्यम से बेहतर मूल्य प्राप्त करना।
जागरण एग्री पंचायत एक ऐसा मंच साबित हुआ, जहां कृषि और किसानों से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ और कृषि क्षेत्र के विकास के तरीकों पर चर्चा की गई। खास बात यह थी कि सभा में किसानों को भी आमंत्रित किया गया था, जहां उन्होंने कई सवाल पूछे और विशेषज्ञों ने उनके उत्तर दिए।
Jagran Agri Panchayat Summit 2024 को देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें।- https://www.jagran.com/agripanchayat.html