आर्थिक विकास के लिए जीवाश्म ईंधन जरूरी तो नेट जीरो एमिशन का क्या होगा? नीति आयोग के CEO ने दिया जवाब
Net zero emissions नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत जलवायु अनुकूल विकास के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन आर्थिक विकास के लिए जीवाश्म ईंधन आवश्यक हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान के लिए बाजार की सीमाओं को रेखांकित किया और बताया कि भारत 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य प्राप्त करने पर काम कर रहा है।
पीटीआई, नई दिल्ली। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने बुधवार को कहा कि भारत जलवायु अनुकूल विकास के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन जीवाश्म ईंधन फिलहाल देश के आर्थिक विकास के लिए जरूरी हैं।
सुब्रमण्यम ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अकेले बाजार जलवायु परिवर्तन की समस्या को हल नहीं कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग राज्यों के साथ मिलकर शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन (Net-zero emissions) लक्ष्य को प्राप्त करने का मार्ग विकसित करने पर काम कर रहा है।
आयोग के सीईओ ने कहा, ''भारत 2015 के पेरिस समझौते के तहत अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर चल रहे देशों में से एक है। हम 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, भले ही भारत से चार प्रतिशत से भी कम कार्बन उत्सर्जन होता है।''
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क्लाइमेट फंड के लिए प्रतिबद्ध
भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली स्थापित क्षमता हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसको लेकर उन्होंने कहा कि सरकार जलवायु वित्त के लिए अधिक धन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
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भले ही भारत की प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत वैश्विक औसत का आधा है। नीति आयोग के सीईओ ने इस बात को रेखांकित किया कि राज्यों को नहीं पता कि ग्रीन प्रोजेक्ट कैसे बनाए जाते हैं।
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