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Nirbhaya case Updates: डेथ-वारंट के खिलाफ याचिका पर HC ने कहा- ट्रायल कोर्ट जाए दोषी

Nirbhaya case Updates मुकेश कुमार ने तिहाड़ जेल प्रशासन के जरिये केंद्रीय गृह मंत्रालय व दिल्ली सरकार को दया याचिका भेजी। इसके बाद HC में डेथ-वारंट के खिलाफ याचिका दायर की है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 07:49 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 03:18 PM (IST)
Nirbhaya case Updates: डेथ-वारंट के खिलाफ याचिका पर HC ने कहा- ट्रायल कोर्ट जाए दोषी
Nirbhaya case Updates: डेथ-वारंट के खिलाफ याचिका पर HC ने कहा- ट्रायल कोर्ट जाए दोषी

नई दिल्ली, जागरण संवादाता। 2012 Delhi Nirbhaya case Updates: निर्भया के दोषी मुकेश सिंह की डेथ वारंट के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने दोषी के वकील को कहा कि वह ट्रायल कोर्ट जाएं। 

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद मुकेश कुमार ने तिहाड़ जेल प्रशासन के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय व दिल्ली सरकार को दया याचिका भेजी है। 

कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्भया की मां ने कहा कि दोषियों के वकील जानबूझ कर देरी कर रहे हैं। मैं 7 साल से संघर्ष कर रही हूं। पत्रकारों से उन्होंने कहा कि मुझसे पूछने की बजाय, आपको सरकार से पूछना चाहिए कि क्या दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी या नहीं।

बता दें कि मुकेश ने राष्ट्रपति व उपराज्यपाल के समक्ष दया याचिका लंबित होने का हवाला दिया है। दिल्ली सरकार अब दया याचिका पर फैसला कर इसे उपराज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजेगी। अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर के माध्यम से दायर याचिका में मुकेश ने डेथ-वारंट पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो उसकी दया याचिका का संवैधानिक अधिकार निष्फल रह जाएगा। अगर दया याचिका खारिज हो जाती है तो फांसी देने से 14 दिन पहले उसे नोटिस दिया जाना चाहिए।

बता दें कि मंगलवार को हुई अहम सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश सिंह और विनय कुमार शर्मा की सुधारात्मक याचिका (Curative Petition) खारिज कर दी। इस पर निर्भया की मां ने कहा- मुझे पूरा भरोसा था कि उनकी क्यूरेटिव याचिका खारिज हो जाएगी। वे चाहे जितनी भी याचिकाएं दायर करें, हम उनका सामना करने के लिए तैयार हैं। मुझे भरोसा है कि 22 जनवरी को उन्हें फांसी होगी। वहीं,  निर्भया के पिता का कहना है कि मैं उन चारों दरिंदों को फांसी के फंदे पर लटकते देखना चाहता हूं।

दिसंबर 2012 में हुई थी दरिंदगी

दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात पैरामेडिकल छात्र से चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। छात्र से इस कदर दरिंदगी हुई थी कि बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से चारों अभियुक्तों को मृत्युदंड दिया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार याचिका भी खारिज हो चुकी है। उसके बाद ही निचली अदालत ने दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया था।

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