Coronavirus: केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने लॉन्च की किफायती Covid-19 जांच किट, कीमत होगी 700
Coronavirus News Update द्वारा तैयार की गई किफायती कोविड-19 जांच किट को केंद्रीय मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये लांच किया।
नई दिल्ली [राहुल मानव]। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली द्वारा तैयार कोविड-19 आरटी-पीसीआर जांच किट बुधवार को लॉन्च कर दी है। दावा किया गया है कि यह दुनिया की सबसे सस्ती कोरोना के लक्षण पहचानने वाली जांच किट है। बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री (एमएचआरडी) डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आज वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये इस किट को लॉन्च किया है। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी मौजूद थे। आइआइटी दिल्ली द्वारा विकसित किट को इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने मंजूरी दी है। इस किट को कोरोश्योर नाम दिया गया है और इसे दिल्ली-एनसीआर स्थित न्यूटेक मेडिकल डिवाइसेस द्वारा मैन्युफैक्चर किया गया है। यह किट बिना जांच के कोरोना के लक्षण पहचानने में सक्षम है।
यह किट अधिकृत कोरोना टेस्टिंग लैब में उपयोग के लिए उपलब्ध होगी और इससे कोविड-19 आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की लागत काफी कम हो जाएगी। इस किट का आधार मूल्य 399 रुपये है और इसमें आरएनए आइसोलेशन (यानी कोरोना संक्रमित व्यक्ति का आरएनए, जब किट में डाला जाता है) और लेबोरेटरी चार्ज जोड़ने के बाद भी इसके द्वारा किया जाने वाला टेस्ट काफी कम लागत में होगा।
इस किट को लांच करते हुए डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने आइआइटी दिल्ली के सभी शोधकर्ताओं को बधाई दी और कहा कोरोना संकट के दौरान देश भर के अनुसंधान करने वाले संस्थानों ने बेहद अनुकरणीय कार्य किया है। इसके पहले आइआइटी दिल्ली सस्ती कोरोना टेस्टिंग किट बना चुकी है। मैं बेहद गर्व के कहना चाहता हूं कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश के उच्च शिक्षण संस्थान एवं शोधकर्ता आगे बढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
उन्होनें यह भी कहा कि भारत में जिस प्रकार से अनुसंधान हो रहे हैं उससे सम्पूर्ण विश्व को यह संदेश जा रहा है कि कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत कही से भी पीछे नहीं है।
संजय धोत्रे जी ने कहा कि आइआइटी दिल्ली के सभी शोधकर्ताओं का इस सस्ती किट को बनाने के लिए मैं धन्यवाद करता हूं। इस किट से हमारी इस महामारी के खिलाफ लड़ाई को बल मिलेगा और हमें पूरा विश्वास है कि इसी प्रकार के शोध भारत को आने वाले समय में विश्व गुरु के रूप में स्थापित करेंगे।
आइआइटी दिल्ली के निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव ने इस अवसर पर कहा कि हम भारत सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वास्थ मंत्रालय और आईसीएमआर से इस किट को बनाने और मैन्युफैक्चर करने में मिले सहयोग के लिए बेहद आभारी हैं। इससे प्रेरणा लेकर हम आगे भी कोरोना से संबंधित शोध जारी रखेंगे और देश के साथ साथ विश्व को भी इस महामारी से लड़ने में मदद करेंगे।
वहीं, केएसबीएस के प्रो विवेकानंद पेरुमल ने बताया कि बाजार में अभी आरटी-पीसीआर की कीमत 600 से 800 रुपये है और कुछ की 1300 रुपये भी है। इसमें ट्रासंपोर्ट, लैब का खर्चा, आरएनए आइसोलेशन को जोड़कर यह ज्यादा हो जाता है लेकिन हमारी किट के उपयोग से कोविड-19 की जांच का खर्चा कम आएगा। वहीं इसकी एक्यूरेसी 100 फीसद है जिसकी प्रमाणता आइसीएमआर ने दी है। अभी बाजार में अन्य किट की एक्यूरेसी 90 फीसद तक है। हमने बेंगलुरु की एक कंपनी जिनी लैब को भी इसका उत्पादन करने के लिए लाइसेंस दिया है। वह भी जल्दी इसे बाजार में उतारेगी। इस पर जनवरी 2020 से काम कर रहे हैं।