शिक्षा के गुणवत्ता को सुधारने में जुटी सरकार को बड़ा झटका, रिफ्रेशर कोर्स में 40 फीसद शिक्षक फेल
शिक्षकों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए शुरू किए गए रिफ्रेशर कोर्स में ज्यादातर शिक्षकों ने हिस्सा ही नहीं लिया। जिन्होंने यह टेस्ट दिया उनमें से 40 फीसद फेल हो गए।
नई दिल्ली, जेएनएन। उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता को सुधारने में जुटी सरकार को शिक्षकों के मोर्चे पर बड़ा झटका लगा है। शिक्षकों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए शुरू किए गए रिफ्रेशर कोर्स में ज्यादातर शिक्षकों ने हिस्सा ही नहीं लिया। इससे भी ज्यादा दिलचस्प यह है कि जो शिक्षक इसमें शामिल हुए और परीक्षा दी, उनमें 40 फीसद से ज्यादा असफल रहे। मौजूदा समय में देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में करीब 15 लाख शिक्षक पढ़ा रहे हैं। जबकि सिर्फ 6,411 ही रिफ्रेशर परीक्षा में हुए शामिल थे।
2018 में शुरू हुआ था प्रोग्राम
रिफ्रेशर कोर्सो को लेकर शिक्षकों की अरुचि का यह खुलासा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए ऑनलाइन रिफ्रेशर प्रोग्राम ‘अर्पित’ (एनुअल रिफ्रेशर प्रोग्राम इन टीचिंग) से हुआ है। इसे मंत्रालय ने शिक्षकों का ज्ञान बढ़ाने के लिए 2018 में शुरू किया था। वैसे तो यह अनिवार्य नहीं था पर इसे पदोन्नति में शामिल करने की बात कही गई थी। बावजूद इसके ‘अर्पित’ कार्यक्रम को लेकर हाल ही में आए परिणामों से जो जानकारी सामने आई है वह वाकई चौंकाने वाली है। इसमें वैसे तो कुल 51 हजार शिक्षकों ने शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया, लेकिन परीक्षा में सिर्फ 6,411 शिक्षक ही शामिल हुए। इनमें कुल 3,807 शिक्षक ही सफल घोषित किए गए।
परिणाम से मंत्रालय भी भौचक्का
उच्च शिक्षण संस्थानों को लेकर शिक्षकों की यह अरुचि इसलिए भी अहम है क्योंकि इसके जरिये शिक्षकों को नई-नई जानकारियों से लैस करने और गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद की गई थी। ‘अर्पित’ के जरिये आए इस परिणाम से मंत्रालय भी भौचक्का है। सूत्रों के मुताबिक, मानव संसाधन विकास मंत्री ने भी शिक्षकों के इस प्रदर्शन पर नाखुशी जताई है। साथ ही कहा है कि इसमें ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों को जोड़ा जाए। मंत्रलय ने हाल ही में 2019 के लिए भी ‘अर्पित’ कार्यक्रम शुरू किया है जिसमें शिक्षकों से रजिस्ट्रेशन कराने की मुहिम चलाई जा रही है।
रिफ्रेशर कोर्स में 46 विषय शामिल
शिक्षकों के लिए शुरू किए गए रिफ्रेशर कोर्स में फिलहाल 46 विषयों को शामिल किया गया है। इनमें कृषि, विज्ञान, इंजीनियरिंग, आईटी, उर्दू, संस्कृत जैसे विषयों के साथ ही जलवायु परिवर्तन, कौशल विकास, नेतृत्व और शासन जैसे विषय भी रखे गए हैं। वहीं, प्रशिक्षण से जुड़ी सामग्री तैयार करने के लिए 51 राष्ट्रीय संसाधन केंद्रों (एनआरसी) की पहचान की गई है जो एआइसीटीई की मदद से प्रशिक्षण सामग्री को ऑनलाइन अपलोड करने का काम करते हैं।