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हरियाणा के बाद अब उत्तर प्रदेश के मेरठ में आए भूकंप से हिला दिल्ली-एनसीआर

भूकंप का एहसास होते ही घबराएं नहीं। घर से बाहर किसी खाली जगह पर खड़े हो जाना चाहिए। बच्चों व बुजुर्गों को पहले घर से बाहर निकालें, किनारे में खड़े रहें।

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 04:52 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 03:59 PM (IST)
हरियाणा के बाद अब उत्तर प्रदेश के मेरठ में आए भूकंप से हिला दिल्ली-एनसीआर
हरियाणा के बाद अब उत्तर प्रदेश के मेरठ में आए भूकंप से हिला दिल्ली-एनसीआर

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली-एनसीआर में 24 घंटे में दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। रविवार के बाद सोमवार सुबह उत्तर प्रदेश के मेरठ में भूकंप आया, जिसकी वजह से दिल्ली में भी भूकंप के झटके लगे।समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, भूकंप सोमवार सुबह 6.28 मेरठ के खरखौदा में आया, इससे लोगों में दहशत फैल गई। हालांकि, इसके चलते जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। हरियाणा के झज्जर जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। जहां रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई है। 

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इससे पहले रविवार शाम को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटके हरियाणा व उत्तर प्रदेश के भी कुछ स्थानों में महसूस किए गए थे। हरियाणा के रेवाड़ी, धारूहेड़ा, कुंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रविवार शाम को आए भूकंप के झटके करीब 10 सेकेंड तक महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर नीचे हरियाणा के झज्जर जिले में था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई। 

बता दें कि इससे पहले एक जुलाई को भी दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र हरियाणा के सोनीपत में था। भूकंप का आभास आभास होतेे ही लोग घर-ऑफिस से आनन-फानन में बाहर आ गए थे। 

बड़े भूकंप का खतरा नहीं झेल पाएगी दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की एक बड़ी समस्या आबादी का घनत्व भी है। तकरीबन दो करोड़ से अधिक की आबादी वाली राजधानी में लाखों इमारतें दशकों पुरानी हैं और तमाम मोहल्ले एक दूसरे से सटे हुए बने हैं। ऐसे में बड़ा भूकंप आने की स्थिति में जानमाल की भारी हानि हो सकती है। वैसे भी दिल्ली से थोड़ी दूर स्थित पानीपत इलाके के पास भू-गर्भ में फॉल्ट लाइन मौजूद है जिसके चलते भूकंप की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।

भूकंप आए तो क्या करें
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि दिल्ली में भूकंप के साथ-साथ कमज़ोर इमारतों से भी खतरा है। एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली की 70-80% इमारतें भूकंप का औसत से बड़ा झटका झेलने के लिहाज से नहीं बनी हैं। भूकंप का एहसास होते ही घबराएं नहीं। घर से बाहर किसी खाली जगह पर खड़े हो जाना चाहिए। बच्चों व बुजुर्गों को पहले घर से बाहर निकालें, किनारे में खड़े रहें। घर में भारी सामान सिर के ऊपर नहीं होना चाहिए।


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