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जानिए क्या है ‘T20 प्लान’, दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों लोगों को मिलेगी राहत

राजधानी दिल्ली में प्रतिदिन जाम से जूझने वाले वाहन चालकों को दिल्ली पुलिस 2020 तक राहत प्रदान करेगी। पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में ये हलफनामा दिया है।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 04:02 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 04:02 PM (IST)
जानिए क्या है ‘T20 प्लान’, दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों लोगों को मिलेगी राहत
जानिए क्या है ‘T20 प्लान’, दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों लोगों को मिलेगी राहत

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली-एनसीआर में रह रहे करोड़ों लोगों को बड़ी राहत देने के लिए दिल्ली पुलिस ने T20 प्लान तैयार किया है। राजधानी दिल्ली में प्रतिदिन जाम से जूझने वाले वाहन चालकों को दिल्ली पुलिस वर्ष 2020 तक राहत प्रदान करेगी। दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में ये हलफनामा दायर किया है। हलफनामे के साथ पुलिस ने दिल्ली को जाम मुक्त करने का पूरा एक्शन प्लान भी सुप्रीम कोर्ट में जमा किया है।

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पुलिस ने हलफनामे में दावा किया है कि सड़कों को चौड़ा करने और अतिक्रमण मुक्त करने के साथ नए फ्लाई ओवर, फुट ओवर ब्रिज, यू-टर्न और एलिवेटेड रोड आदि का काम चल रहा है। निकट भविष्य में कुछ और जगहों पर काम शुरू होगा। कुछ जगहों पर मेट्रो का निर्माण कार्य पूरा होने से वहां यातायात सामान्य होगा। इन प्रोजेक्ट से जुड़े प्राधिकरणों व अन्य संस्थानों से वार्ता करने के बाद पुलिस ने अपने हलफनामे में ये समय सीमा निर्धारित की है।

दिल्ली को जाम मुक्त करने और उससे होने वाले वायु प्रदूषण से छुटकारा दिलाने के लिए पुलिस ने कोर्ट में कहा है कि उसने पहले शहर के सबसे ज्यादा जाम वाले 28 स्थानों पर समस्या का निस्तारण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। दिसंबर 2020 तक सबसे ज्यादा जाम वाले इन मार्गों को जाम मुक्त कर लिया जाएगा। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने डीडीए और संबंधित नगर निकायों के साथ मिलकर विस्तृत योजना तैयार की है।

मालूम हो कि दिल्ली को जाम मुक्त करने के लिए करीब डेढ़ साल पहले उपराज्यपाल द्वारा गठित टास्क फोर्स ने राजधानी में जाम वाले 77 इलाकों की पहचान की थी। इन्हें तीन वर्गों में विभाजीत किया गया है। पहले वर्ग में सबसे ज्यादा जाम वाले 28 स्थान शामिल हैं। दूसरे वर्ग में उससे कम जाम वाले 30 स्थान और तीसरे वर्ग में कम जाम वाले 19 स्थान शामिल हैं। हालांकि अब तक सरकार इन इलाकों को जाम मुक्त नहीं कर पायी है।

30 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार

करीब एक माह पहले 30 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने की कोई तय समय सीमा नहीं दिए जाने पर पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को तलब कर लिया था। पुलिस आयुक्त ने संबंधित अथॉरिटी से बात करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा था। अब पुलिस ने संबंधित सभी पक्षों से बात कर सुप्रीम कोर्ट में 2020 तक दिल्ली को जाम मुक्त करने का हलफनामा दायर किया है।

SC ने कहा था अब फिल्म बनेगी मीटिंग पर मीटिंग

इससे पहले कोर्ट ने ट्रैफिक जाम को लेकर 54 बैठकें होने के बावजूद समय सीमा तय नहीं होने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि यह उसी तरह हो गया है जैसे एक फिल्म में कहा गया था तारीख पर तारीख वैसे ही फिल्म होगी मीटिंग पर मीटिंग।

केवल 8 जंक्शन पर बर्बाद होता है 50 हजार किलो लीटर ईंधन

सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआइ) के वर्ष 2017 के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली के सिर्फ 8 जंक्शन पर रोजाना जाम के कारण 40 हजार किलोलीटर ईंधन बर्बाद होता है। वाहनों की संख्या और जाम बढ़ने से ये आंकड़ा अब लगभग 50 हजार किलोलीटर तक पहुंच चुका है।

आश्रम के आसपास सबसे अधिक करीब 11,038 किलो लीटर ईधन धुएं में उड़ता है। पीरागढ़ी में लगभग 8260 किलो लीटर और बादली क्रासिंग पर तकरीबन 5617 किलो लीटर ईधन बर्बाद होता है। प्रीत विहार, शक्ति नगर, पहाड़गंज, केजी मार्ग, लोधी रोड पर भी जमकर ईधन की बर्बादी होती है।

गौर करने वाली बात है कि सरकार ने दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के तहत 2020 से पहले सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का उपयोग करने वालों की संख्या 80 फीसद तक लाने का लक्ष्य तय कर रखा है। अभी दिल्ली में वाहनों की संख्या एक करोड़ के आंकड़े तक पहुंच चुकी है। जबकि सड़कों की लंबाई महज 33,198 किमी है। इसमें 49 फीसद कार, 30 फीसद दोपहिया वाहन और 13 फीसद ऑटो रिक्शा है।

दिल्ली में वाहनों की औसत गति 16 किमी प्रति घंटा है

शहरी विकास मंत्रालय के अध्ययन के अनुसार दिल्ली में वाहनों की औसत गति 16 किलोमीटर प्रतिघंटा है। वहीं स्वयंसेवी संगठनों के हालिया सर्वे के अनुसार पुरानी दिल्ली के 30 फीसद इलाकों में औसत गति 10 किमी प्रतिघंटा है। कनॉट प्लेस में चार लेन होने के बावजूद पीक आवर में औसत स्पीड 20-25 किमी रहती है। एक अध्ययन के मुताबिक शास्त्री पार्क लालबत्ती पर वाहन गुजरने में 11 मिनट व निर्माण विहार में 9 मिनट से अधिक समय लगता है। किंग्सवे कैंप सिग्नल पर लगभग 12 मिनट तक का समय लग जाता है।

इन क्षेत्रों में खराब हैं हालात

- पश्चिमी व दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली अंतर्गत मायापुरी सर्किल में रिंग रोड-लोहा मंडी-नारायणा तक। पंजाबी बाग, राजौरी गार्डन, द्वारका सेक्टर 6, 10, 4, 12, रामफल चौक मार्केट, ड्रेन रोड ओल्ड, पालम डाबड़ी रोड, पालम मार्केट। तिलक नगर व उत्तम नगर मार्केट, पालम एयरपोर्ट के पास एनएसजी लाल बत्ती।

- पूर्वी दिल्ली अंतर्गत मधुबन चौक, लक्ष्मी नगर टी प्वाइंट, भजनपुरा चौक, शाहदरा, गीता कालोनी, आनंद विहार आइएसबीटी, शाहदरा मुख्य मार्ग।

- बाहरी दिल्ली व उत्तरी दिल्ली अंतर्गत बुराड़ी मुख्य सड़क, संत नगर मार्केट, जीटीबी मेट्रो स्टेशन, मुखर्जी नगर, किराड़ी तिराहा चौक, सुल्तानपुरी जलेबी चौक, संजय गाधी अस्पताल चौक, मंगोलपुरी, राशन दफ्तर चौक किराड़ी, नरेला मुख्य सड़क, रोहिणी में मार्ग नंबर 41, मंगोलपुरी फ्लाईओवर से मुकरबा फ्लाईओवर, सब्जी मंडी से घंटा घर तक, अशोक विहार में नेताजी सुभाष पैलेस मार्ग, रामलीला ग्राउंड पीतमपुरा, वीआईपी पार्क, लारेंस रोड केशवपुरम।

- मध्य दिल्ली व नई दिल्ली अंतर्गत सदर बाजार, आजाद मार्केट चौक, कोतवाली इलाका, चांदनी चौक, भगीरथ पैलेस, खारी बावली, करोल बाग, पहाड़गंज, कमला मार्केट, पटेल नगर, रेस कोर्स, मथुरा रोड।

- दक्षिणी दिल्ली अंतर्गत लाजपत नगर, जामिया विश्वविद्यालय मार्ग, साउथ एक्स पार्ट 1 व 2, आईएनए, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम आसपास, आरकेपुरम, सरोजनी नगर, एनएस-8, नेल्सन मंडेला मार्ग, मुनीरका फ्लाई ओवर, महरौली, चितरंजन पार्क, ग्रेटर कैलाश पार्ट 1 व 2, सरिता विहार मेट्रो, मोदी मिल फ्लाई ओवर, आश्रम चौक और डीएनडी।

- पूर्वी जिला अंतर्गत पांडव नगर (पटपड़गंज रोड), मधुवन चौक, मदर डेयरी, गीता कॉलोनी मुख्य मार्ग, एनएच- 24, लालबहादुर शास्त्री अस्पताल, वसुंधरा एंक्लेव से दल्लुपुरा, न्यू पटपड़गंज रोड, कड़कड़ी मोड़, नवीन शाहदरा, श्याम लाल कॉलेज, शहादरा मेट्रो स्टेशन, विवेकानंद कॉलेज चौराहा।

- उत्तर-पूर्वी दिल्ली अंतर्गत भजनपुरा चौक, वजीराबाद रोड, सीलमपुर, शास्त्री पार्क चौराहा, जीटीबी अस्पताल, नंद नगरी चौराहा, खजूरी चौराहा।

जाम से जुड़े कुछ हैरतअंगेज और रोचक तथ्य

- ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और आइआइएम कोलकाता द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार ट्रैफिक जाम से भारत को हर वर्ष 60 हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होता है।

- देश के 17 बड़े रूट पर वाहनों के माइलेज का राष्ट्रीय औसत सिर्फ़ 3.96 किलोमीटर प्रति लीटर है। यानी एक लीटर पेट्रोल या डीज़ल में लगभग 4 किलोमीटर।

- ट्रैफिक जाम की वजह से प्रतिदिन लोगों के करीब 90 मिनट बर्बाद होते हैं। मतलब एक वर्ष के 547 घंटे (23 दिन) जाम में बर्बाद होते हैं।

- एक व्यक्ति की औसत उम्र 60 वर्ष मान लें तो 60 वर्ष में जिंदगी के लगभग 4 वर्ष ट्रैफिक जाम में बर्बाद हो जाते हैं।

- एक सर्वे के मुताबिक दुनिया भर में पार्किंग स्पेस के लिए सबसे ज्यादा विवाद दिल्ली और बेंगलुरू में होते हैं। दिल्ली के 58 फीसद और बेंगलुरू के 44 फीसद वाहन चालक रोज़ पार्किंग के लिए बहस करते हैं।

- पार्किंग को लेकर होने वाली बहस के मामले में केन्या की राजधानी नैरोबी तीसरे और इटली का शहर मिलान चौथे नंबर पर है।

- भारत में एक वाहन चालक को पार्किंग स्पेस तलाशने में कई बार 31 से 40 मिनट तक का वक्त लग जाता है।

- आइबीएम की एक स्टडी के मुताबिक, ट्रैफिक जाम में बर्बाद होने वाले समय से उत्पादकता 40% तक कम हो जाती है।

- केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के मुताबिक दिल्ली में रहने वाला एक कर्मचारी अपने 30 वर्ष के करियर में ट्रैफिक जाम में फंसकर लगभग 6 वर्ष के बराबर का समय बर्बाद कर देता है।

- इसी रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली से नोएडा या गुड़गांव जाने वाला कर्मचारी अपने 30 वर्ष के करियर में ट्रैफिक जाम में फंसकर लगभग 8 वर्ष के बराबर का समय बर्बाद कर देता है।

- नॉर्वे में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को जेल के साथ-साथ अपनी वार्षिक आय का 10 प्रतिशत जुर्माने के तौर पर देना पड़ता है।

- आइसलैंड में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 1 लाख 80 हज़ार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है।

- फ्रांस में कार चलाते हुए हमेशा ब्रीथ एनलाइजर साथ में रखना होता है। ब्रीथ एनलाइजर से पुलिस ये पता लगाती है कि चालक ने कितनी शराब पी है। ब्रीथ एनलाइजर ना रखने पर ड्राइवर को 11 यूरो यानी करीब 814 रुपये का जुर्माना देना पड़ता है।

- जापान में अगर आप किसी ऐसे ड्राइवर के साथ बैठे हैं जिसने शराब पी हुई है तो आपको भी कानून सज़ा देगा फिर चाहे आप खुद शराब पीते हों या नहीं।

- रूस में कार की सफाई ना करना एक अपराध है। रूस में गंदी कार चलाने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया जाता है।

- टर्की में कार में अग्निशमन सिलेंडर रखना अनिवार्य है। ऐसा ना करने पर ड्राइवर को जुर्माना और सज़ा भी हो सकती है।


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