धर्म से जुड़े नामों वाले दलों की समीक्षा की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट ने EC को भेजा नोटिस
दिल्ली उच्च न्यायालय ने जारी लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली,एएनआइ। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें चुनाव आयोग को घर्मों से जुड़े नाम वाले या राष्ट्रीय ध्वज जैसे प्रतीकों का इस्तेमाल करने वाले राजनीतिक दलों की समीक्षा करने के लिए कहा है। इतना ही नहीं इसी के साथ मांग भी की है कि अगर यह पार्टियां तीन महीने के अंदर नहीं बदलती हैं तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाए।
इस याचिका को भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर किया था। उन्होंने इस मामले में तर्क देते हुए कहा कि धर्मों से जुड़े नाम का इस्तेमाल करा या राष्ट्रीय ध्वज जैसे प्रतिको का इस्तेमाल करना उम्मीदवारों की संभावनाओं को पाभावित कर सकता है और साथ ही यह जनप्रतिनिधित्व कानून आरपीए 1951 के तहत भ्रष्ट गतिविधि है। अब इस याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट से अपील की गई है कि वह धर्म, जाति, नस्ल और भाषाई अर्थ वाले राजनीतिक दलों की समीक्षा की जाए और यह तय किया जाए कि वह राष्ट्रीय ध्वज के जैसे ध्वज का इस्तेमाल तो नहीं कर रहे। साथ ही कहा गया है कि यदि वह तीन महीने के अंदर-अंदर इन प्रतिकों को नहीं बदलते है तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द नहीं किया जाना चाहिए।
बता दें कि अश्विनी कुमार पेशे से वकील भी है। उन्होंने दावा किया कि ऐसा करने से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किए जा सकेंगे। गौरतलब है कि उनके द्वारा दायर याचिका मं हिंदू सेना, ऑल इंडिया मज्लिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग जैसे कुछ दलों का जिक्र किया गया है। इनके अलावा कई राजनीतिक दल भी ऐसा है, जो राष्ट्रीय ध्वज जैसा ही ध्वज का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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