शादी की सही उम्र को लेकर दिल्ली HC में सुनवाई, केंद्र ने बताया टास्क फोर्स का किया गठन
लड़कियों और लड़कों की शादी की न्यूनतम उम्र एक समान करने को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली कोर्ट ने सुनवाई की। जिसपर केंद्र सरकार ने कोर्ट के जवाब दिया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र को लेकर दायर जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि मातृत्व में प्रवेश करने वाली लड़की की उम्र के मुद्दे का अध्ययन करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। दरअसल, एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु एक रखने की मांग की गई है।
गौरतलब है कि वर्तमान में लड़कियों की शाही की उम्र 18 साल और लड़कों की शादी की उम्र 21 साल है। दरअसल, समाज के एक तबका मानता है कि लड़कियां जल्दी मैच्योर हो जाती हैं इसलिए लड़की को लड़के से कम उम्र की होनी चाहिए।
संसद में वित्त मंत्री सीतारमण ने कही ये बात
इस बार बजट 2020-21 को संसद में पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव दिया था कि टास्क फोर्स का गठन किया जाए। ये टास्क फोर्स लड़कियों की शादी की उम्र पर विचार करेगी और छह महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी। इस बार बजट 2020-21 को संसद में पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव दिया था कि टास्क फोर्स का गठन किया जाए।
छह महीने में रिपोर्ट देगी टास्क फोर्स
ये टास्क फोर्स लड़कियों की शादी की उम्र पर विचार करेगी और छह महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी। महिला मत्युदर में कमी लाना और पोषण के स्तरों में सुधार लाना जरुरी है। मां बनने वाली लड़की की उम्र से जुड़े पूरे मुद्दे को इस नजरिए के साथ देखा जाना चाहिए। इसके लिए मैं एक टास्क फोर्स का गठन करने का प्रस्ताव देती हूं। इसके बाद से ही इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गई है कि लड़की की शादी की उम्र कितनी होनी चाहिए।
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