Delhi Fire: देश के कुछ बड़े झकझोर देने वाले भीषण अग्निकांडों पर एक नजर...
Delhi Fire हर अग्निकांड के बाद हम शोक व्यक्त करते हैं मातम मनाते हैं लेकिन उनसे सबक सीखे बिन अगली घटना का इंतजार करते हैं।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। Delhi Fire: दिल्ली में अनाज मंडी अग्निकांड ने उन जख्मों को हरा कर दिया है, जो पिछले कई सालों से हमें सालते रहे हैं। देश ने ऐसे कई अग्निकांड देखे हैं, जिनमें लोगों ने अपनों को खोया है। हर अग्निकांड के बाद हम शोक व्यक्त करते हैं, मातम मनाते हैं, लेकिन उनसे सबक सीखे बिन अगली घटना का इंतजार करते हैं।
अनाज मंडी अग्निकांड के साथ आगजनी की उन घटनाओं को याद करना जरूरी है जिन्होंने देश को झकझोर दिया था। हालांकि उसके बाद भी ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। उन्हें रोकने के लिए न हमारे पास पर्याप्त इंतजाम हैं और न ही हम ऐसी घटनाओं से सबक सीख सकें हैं। पेश है देश के कुछ बड़े अग्निकांडों पर एक नजर:
मंडी डबवाली, हरियाणा: भारत के इतिहास का यह संभवत: सबसे बड़ा अग्निकांड है। 23 दिसंबर 1995 को हरियाणा के मंडी डबवाली में डीएवी स्कूल का वार्षिकोत्सव चल रहा था। शॉर्ट सर्किट के कारण पंडाल ने आग पकड़ ली और उसके बाद मची भगदड़ में 442 लोगों की मौत हुई। इनमें से 258 बच्चे थे। साथ ही करीब 150 लोग घायल हो गए थे।
बरीपाड़ा, ओडिशा: ओडिशा के बरीपाड़ा में एक धार्मिक कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए थे। 23 फरवरी 1997 को आग लगी और करीब दो सौ लोगों की मौत हो गई। अग्निकांड में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग घायल भी हुए।
उपहार सिनेमा: दिल्ली के ग्रीन पार्क में 13 जून 1997 को उपहार सिनेमा में फिल्म ‘बॉर्डर’ दिखाई जा रही थी। इसी दौरान सिनेमाघर में आग लग गई। आग लगने, भगदड़ में घायल होने और घुटन के कारण 59 लोगों की मौत हो गई और 103 लोग घायल हुए।
श्रीरंगम मैरिज हॉल, तमिलनाडु : 23 जनवरी 2004 को श्रीरंगम के पद्मप्रिया मैरिज हॉल में एक शादी समारोह का आयोजन किया जा रहा था। इस अग्निकांड में दूल्हे सहित शादी समारोह के लिए आए 57 लोगों की मौत हो गई।
बिहार पटाखा फैक्ट्री: बिहार के खुसरूपुर में एक पटाखा फैक्ट्री में 15 सितंबर 2005 में हुए धमाके में 32 लोगों की मौत हो गई और 72 लोग घायल हो गए। धमाका फैक्ट्री के गोदाम में हुआ जहां पर बड़ी संख्या में पटाखों को रखा गया था।
कुंभकोणम स्कूल, तमिलनाडु: तंजावुर जिले में स्थित कुंभकोणम के एक स्कूल में 16 जुलाई 2004 को भीषण आग लग गई। स्कूल की इमारत में नर्सरी, प्राथमिक और एक माध्यमिक विद्यालय संचालित किया जा रहा था। हादसे में करीब 94 बच्चे मारे गए।
मेरठ, उत्तर प्रदेश : मेरठ के विक्टोरिया पार्क में 10 अप्रैल 2006 को ‘ब्रांड इंडिया’ मेले में आग लग गई। शॉर्ट सर्किट के चलते लगी आग में 65 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। वहीं करीब डेढ सौ लोग झुलस गए थे।
स्टीफन कोर्ट, कोलकाता: कोलकाता की ऐतिहासिक इमारत स्टीफन कोर्ट में 23 मार्च 2010 को आग लगने से 43 लोग मारे गए। इमारत में ऐसी परिस्थितियों में बाहर निकलने के लिए उचित इंतजाम नहीं थे।
एएमआरआइ अस्पताल: दक्षिण कोलकाता के धकुरिया में स्थित एएमआरआइ अस्पताल में 9 दिसंबर 2011 के दिन तड़के करीब 3 बजे आग लग गई। अस्पताल के बेसमेंट में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी और बहुत तेजी से उसने अस्पताल की पूरी इमारत को चपेट में ले लिया। सेंट्रल एसी सिस्टम के कारण पूरी इमारत में धुंआ फैल गया। इसके कारण दम घुटने से 95 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में स्टॉफ के लोग भी थे।
शिवकाशी पटाखा फैक्ट्री, तमिलनाडु: तमिलनाडु के शिवकाशी के निकट मुदालीपट्टी में एक निजी पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई। 5 सितंबर 2012 को हुए हादसे में 54 लोगों की मौत हो गई और 78 लोग घायल हुए।