आर्थिक भगोड़े स्टर्लिंग बायोटेक के प्रमोटरों को भारत लाने का प्रयास तेज, कोर्ट से मिली हरी झंडी
गुजरात की दवा कंपनी स्टर्लिग बायोटेक पर करीब आठ हजार एक सौ करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है।
नई दिल्ली, एजेंसी। मनीलांड्रिंग केस में फंसी स्टर्लिंग बायोटेक कंपनी के प्रमोटरों की मुश्किलें बढ़नी वाली है। दिल्ली की कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को स्टर्लिंग बायोटेक के चार प्रमोटरों के खिलाफ प्रत्यपर्ण प्रकिया चलाने की अनुमति दे दी है। सोमवार को कोर्ट के द्वारा इजाजत मिलने के बाद अब स्टर्लिंग बायोटेक के प्रमोटरों को भारत लाने की प्रकिया तेज हो जाएगी।
इन प्रमोटरों पर बैंक से 8100 करोड़ रुपये फ्राॅड करने का आरोप है। एडिशनल जज सतीश कुमार अरोरा ने प्रवर्तन निदेशालय को यह आदेश दिया है। अब नितिन जयंतीलाल संदेसरा, हितेष नरेंद्र भाई पटेल, चेतन जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन संदेसरा पर प्रवर्तन निदेशालय कार्रवाई करेगी।
ईडी ने कोर्ट में यह बताया कि इन चारों पर बैंक से धोखाधड़ी के आरोप दर्ज हो चुके हैं। इस समय ये लोग इटली और नाइजीरिया में हैं। इससे पहले कोर्ट ने इन चारों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट कर कोर्ट में उन्हें पेश होने के लिए कहा था।
बता दें कि सीबीआइ जांच के बाद ईडी ने अलग से केस दर्ज किया था। गुजरात की दवा कंपनी स्टर्लिग बायोटेक पर करीब आठ हजार एक सौ करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है। आरोप है कि कंपनी ने आंध्रा बैंक के जरिये रुपये लोन लिए, जोकि बाद में नॉन-परफॉर्मिग एसेट (एनपीए) घोषित किया गया।