कभी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था पांचवीं पास गैंगस्टर, पिता की हत्या में जेल भी गया था राजेश भारती
दिल्ली पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए राजेश भारती पर अपनी मां के साथ मिलकर पिता की हत्या का आरोप लगा था।
जींद (जेएनएन)। दिल्ली पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए राजेश भारती पर अपनी मां के साथ मिलकर पिता की हत्या का आरोप लगा था। इस मामले में वह जेल भी गया। बाद में कंडेला गांव से गुरुग्राम शिफ्ट हो गया था। ग्रामीणों के अनुसार, राजेश के पिता बलवान की हत्या हो गई थी। उसके चाचा ईश्वर सिंह ने राजेश और उसकी मां पर बलवान की हत्या का आरोप लगाया था। बाद में ईश्वर सिंह ने राजेश की मां की हत्या कर दी थी। इस मामले में वह भी जेल चला गया था, लेकिन बाद में दोनों में समझौता हो गया। ईश्वर सिंह की भी मौत हो गई। इसके बाद राजेश भारती अपने छोटे भाई संदीप भारती व बहन को लेकर गुरुग्राम में रहने लगा और उसके बाद कभी गांव में नहीं आया। ग्रामीणों के अनुसार राजेश की तलाश में कई राज्यों की पुलिस उनके गांव में आती रहती थी।
गांव में बच्चों को पहले ट्यूशन पढ़ाता था
स्पेशल सेल के अधिकारियों के मुताबिक मुठभेड़ में मारा गया कुख्यात बदमाश राजेश भारती पहले सीधा-साधा युवक था। वह पांचवीं पास था, मगर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। बदमाशों के संपर्क में आकर बाद में उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। पहली बाहर दिल्ली पुलिस ने उसे वसंत कुंज दक्षिणी इलाके से गिरफ्तार किया था। वह साथियों के साथ किसी वारदात को अंजाम देने रंगपुरी इलाके में आया था। वर्ष 2011 से 2014 तक उसने दिल्ली के छावला, वसंत कुंज, साउथ कैंपस और वसंत कुंज दक्षिणी थाना क्षेत्र में कई वारदात को अंजाम दिया था।
गिरोह में रोहतक के 11 व दिल्ली के तीन बदमाश हैं शामिल
राजेश भारती के गिरोह में रोहतक के 11 और दिल्ली के तीन बदमाश शामिल हैं। इनमें से राजेश भारती और संजीत बिदरो की मौत के बाद भी गैंग के तीन बदमाश अभी भी जेल से बाहर हैं। बाहर रह रहे गैंग के एक बदमाश ने हाल ही में रोहतक के मुरादपुर टेकना में हत्या की वारदात की है। गैंग के बदमाशों ने दर्जन भर से अधिक वारदातें की है। इनमें से कुछ में तो केस ही दर्ज नहीं हैं।
पुलिस के अनुसार, राजेश भारती गैंग में करीब 17 बदमाश हैं। राजेश भारती जींद का रहने वाला था, जबकि दो बदमाश झज्जर, तीन दिल्ली और बाकी 11 बदमाश रोहतक के हैं। बिदरो और राजेश भारती की एनकाउंटर में मौत के बाद अब गैंग के 15 बदमाश बचे हैं। इनमें से भी नौ जेल में हैं और बाकी फरार हैं। पुलिस रिकॉर्ड में संजीत उर्फ बिदरो पर आठ केस दर्ज हैं।
बिदरो ने 2 दिन पहले टायर कारोबारी से मांगी थी 50 लाख की रंगदारी
एक लाख रुपये का इनामी संजीत बिदरो प्रदेश में आतंक का पर्याय बन गया था। मुठभेड़ से दो दिन पहले भी संजीत ने फोन पर रोहतक के एक बड़े टायर कारोबारी से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। गौरतलब है कि इससे पहले निजी स्कूल संचालक से दो करोड़ और सांपला के प्रॉपर्टी डीलर से 50 लाख रुपये मांगे थे। मुरादपुर टेकना में हुए हत्याकांड में भी संजीत का ही नाम सामने आ रहा था।
भाजपा नेता की हत्या के लिए भेजे थे शॉर्प शूटर
संजीत उर्फ बिदरो शुरुआत में गुरुग्राम जेल में बंद था। इस दौरान उसकी जान-पहचान वहां बंद तीन अन्य युवकों से हुई। उसने उन्हें अपना शूटर बना लिया। तीनों युवक जमानत पर बाहर आए तो वह लूट की वारदात के दौरान गिरफ्तार कर लिए गए। तब उन्होंने बताया था कि बिदरो ने भाजपा नेता व जिला परिषद चेयरमैन बलराज कुंडू की हत्या करने के लिए उन्हें रोहतक भेजा था। मगर वारदात करने से पहले वे पकड़े गए।
हिसार जेल से हुआ था फरार
अक्टूबर 2016 में गैंगवार में बिंदर गुर्जर के भाई मनीष कुमार उर्फ पप्पू की हत्या में शामिल संजीत को उसके साथी अजीत उर्फ बच्ची निवासी बहु-अकबरपुर व नीटू निवासी चरखी दादरी को गुरुग्राम क्राइम ब्रांच ने एक मार्च 2017 को गिरफ्तार कर लिया। संजीत को इसके बाद हिसार की बोस्टन जेल में बंद कर दिया। जून में संजीत अपने चार अन्य साथियों के साथ हिसार बाल सुधार गृह से फरार हो गया। इसके बाद एक के बाद एक वारदातों को अंजाम दिया। रोहतक पुलिस ने संजीत पर 25 हजार और झज्जर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम रखा था।
गैंग के आपसी विवाद में पैर में लगी थी गोली
गुरुग्राम क्राइम ब्रांच ने जब संजीत को गिरफ्तार किया तो उसने कुबूल किया था कि वह गैंगस्टर संदीप गडौली के साथ काम करता था। उसने यह भी माना कि पहले वह पैसे के लिए काम करता था, लेकिन बाद में उसके मोटिव में पैसे के साथ-साथ बदले की भावना का भी समावेश हो गया। मुंबई में संदीप के एनकाउंटर के बाद गुरुग्राम में जब उसका दाह संस्कार किया जा रहा था तो गैंग के अन्य बदमाशों के साथ उसका झगड़ा हो गया था। इस दौरान उसके बाएं पैर में गोली भी लगी थी। तभी से वह फरार चल रहा था।
प्रॉपर्टी डीलर की कार पर लगा रखा था एमएलए लिखा फर्जी स्टीकर
स्पेशल सेल के साथ मुठभेड़ में मारा गया कुख्यात राजेश भारती अपने गिरोह के बदमाशों के साथ हरियाणा नंबर की जिस सफेद रंग की फोर्ड एंडेवर में आया था, वह लाडो सराय निवासी सुजीत की है। सुजीत पेशे से प्रॉपर्टी डीलर है। उसकी कार पर बदमाशों ने एमएलए लिखा फर्जी स्टीकर लगा रखा था, ताकि दिल्ली व हरियाणा पुलिस कहीं भी जांच के लिए कार को न रोके। गाड़ी में एक सूटकेस मिला है, जिसमें चार पासपोर्ट, एक पिस्टल का लाइसेंस और ढाई लाख रुपये नकद मिले हैं।
पुलिस के अनुसार सुजीत का खरक गांव में एसआरएस नाम से फार्म हाउस है, जहां बदमाश अक्सर आते-जाते थे। स्पेशल सेल को सात महीने पहले सूचना मिली थी कि राजेश भारती ने दिल्ली में भी अपना ठिकाना बना रखा है। शनिवार को सभी बदमाश सुजीत के फार्म हाउस से ही निकले थे। घटना के बाद से सुजीत परिवार समेत फरार है। पुलिस का कहना है कि खरक गांव के आगे पहाड़ी इलाके में अवैध रूप से जमीन पर कब्जा करके सुजीत कॉलोनी बसा रहा है। इसके लिए वह राजेश भारती गिरोह की मदद ले रहा था। स्पेशल सेल को शक है कि राजेश भारती गिरोह अपनी काली कमाई सुजीत के साथ मिलकर प्रॉपर्टी में लगा रहा था।
लग्जरी कारों से लदा कंटेनर लूट लिया था
राजेश भारती गिरोह के आतंक का पता इस बात से लगाया जा सकता है कि कुछ साल पहले गिरोह ने हरियाणा में लग्जरी कारों से लदे कंटेनर को ही लूट लिया था। इनमें कुछ कार अपने पास रखकर उन्होंने बाकी को पड़ोसी राज्यों में वाहन लुटेरों को बेच दिया था। दो साल पहले राजेश गिरोह ने हरियाणा के तीन कारोबारियों के बेटों को अगवा कर 25-25 लाख रुपये फिरौती वसूली थी। तीनों युवक दोस्त थे और कहीं घूमने के लिए एक ही लग्जरी कार में सवार होकर जा रहे थे। राजेश गिरोह की उनपर नजर पड़ने पर कार समेत तीनों को अगवा कर लिया था।