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छह दिन में आयुर्वेद से ठीक हुआ कोरोना, आयुर्वेद के एम्‍स ने IMA को केस स्टडी से दिया जवाब, मरीज को दी थी ये दवाएं

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद की केस स्टडी में केवल आयुर्वेदिक दवाओं के दम पर कोरोना संक्रमित मरीज को महज छह दिनों में पूरी तरह से ठीक करने में सफलता मिली है। जानें आयुर्वेद का एम्स कहे जाने वाले ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद ने किन दवाओं का किया इस्‍तेमाल...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 07:17 PM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 03:47 AM (IST)
छह दिन में आयुर्वेद से ठीक हुआ कोरोना, आयुर्वेद के एम्‍स ने IMA को केस स्टडी से दिया जवाब, मरीज को दी थी ये दवाएं
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद की केस स्‍टडी में आयुर्वेद से छह दिन में कोरोना संक्रमण ठीक हुआ है...

नई दिल्ली, जेएनएन। आयुर्वेद को कोरोना के इलाज में औपचारिक रूप से शामिल किए जाने का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आइएमए भले ही विरोध कर रहा हो लेकिन इलाज के दौरान वैज्ञानिक तरीके से जुटाए गए सबूत इन दवाओं की उपयोगिता को साबित कर रहे हैं। आयुर्वेद का एम्स कहे जाने वाले ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद की नए केस स्टडी के अनुसार, केवल आयुर्वेदिक दवाओं की बदौलत कोरोना से संक्रमित मरीज को महज छह दिनों में पूरी तरह से ठीक करने में सफलता मिली है। इस केस स्टडी को 'जनरल ऑफ आयुर्वेद' में प्रकाशित किया गया है। 

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पूरी तरह आयुर्वेदिक दवाओं से किया इलाज 

केस स्टडी के अनुसार, एक महीने पहले टाइफाइड से संक्रमित व्यक्ति कोरोना से भी संक्रमित पाया गया। उसमें कोरोना से माइल्ड रूप से संक्रमित होने के सारे लक्षण थे और टेस्ट में भी उसके कोरोना पोजेटिव होने की पुष्टि हुई। इसके बाद ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में डाक्टरों ने पूरी तरह से आयुर्वेदिक दवाओं से उसका उपचार शुरू किया। इस दौरान मरीज को कोई भी एलोपैथी दवा नहीं दी गई। स्टडी में चौंकाने वाले नतीजे का दावा किया गया है। इसके अनुसार मरीज महज छह दिन पूरी तरह ठीक हो गया और टेस्ट में भी कोरोना निगेटिव पाया गया।

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इन दवाओं का किया इस्‍तेमाल 

केस स्टडी के मुताबिक, इलाज के दौरान मरीज को आयुष क्वाथ, शेषमणि वटी और लक्ष्मी विलास रस के साथ फीफाट्रोल दी गई। कोरोना के मरीजों के आयुर्वेदिक इलाज के लिए जारी गाइडलाइंस में भी ये दवाएं शामिल हैं। इनमें आयुष क्वाथ, शेषमणि वटी और लक्ष्मी विलास रस आयुर्वेद का पुराना फार्मूलेशन है। वही फीफाट्रोल को नए फार्मूलेशन के साथ एमिल फार्मास्युटिकल्स नाम की कंपनी ने तैयार किया है। रोग निदान एवं विकृति विज्ञान के डॉक्टर शिशिर कुमार मंडल के अनुसार यह केस स्टडी कोविड के उपचार में आयुर्वेद की उपयोगिता का सबूत है।

आइएमए ने मांगा था सबूत 

डॉक्टर शिशिर कुमार मंडल के अनुसार, इससे मरीज न सिर्फ महज छह दिन में कोरोना से पूरी तरह मुक्त हो गया, बल्कि माइल्ड से मोडरेट स्थिति में जाने से रोका गया। गौरतलब है कि छह अक्टूबर को स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुर्वेद से कोरोना के इलाज के लिए विस्तृत गाइडलाइंस और प्रोटोकॉल जारी किया था। लेकिन आइएमए ने इसका विरोध करते सवाल किया था कि आयुर्वेद से कोरोना के इलाज होने के सरकार के पास क्या सबूत हैं। जाहिर है ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद ने अपने केस स्टडी के माध्यम से आइएमए के इस सवाल का जवाब दे दिया है। 

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