बच्चियों के साथ दुष्कर्म व अपहरण के मामले बढ़े, राजधानी में मुश्किल हुआ अपराधों पर काबू पाना
आरटीआइ से मिली सूचना के अनुसार वर्ष 2017-18 के मुकाबले वर्ष 2018-19 में बच्चों और बड़ों के अपहरण के मामलों में कमी तो आई लेकिन महिलाओं और बच्चियों के अपहरण के मामले बढ़े हैं।
नई दिल्ली, लोकेश चौहान। राजधानी में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को कम करने और रोकने के लिए तमाम प्रयास किए जाने के बाद महिलाओं के दुष्कर्म की घटनाओं में तो कमी आई है, लेकिन बच्चियों के साथ होने वाले दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017-18 में दुष्कर्म के कुल मामलों में से 1,137 मामले पोक्सो एक्ट में दर्ज किए गए थे। 2018-19 में इनकी संख्या बढ़कर 1,237 हो गई। वर्ष 2018-19 में हुए दुष्कर्म के मामलों में से 63 फीसद मामलों में बच्चियां दुष्कर्म का शिकार हुई हैं।
राजधानी में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के सबसे अधिक मामले रोहिणी और उत्तरी पश्चिमी जिले में सामने आए हैं। सबसे अधिक चौंकाने वाली बात है कि नई दिल्ली जिले में दुष्कर्म के 18 मामले दर्ज किए गए, ये सभी मामले बच्चियों के साथ हुए थे। प्रजा फाउंडेशन द्वारा किए गए सर्वे और दिल्ली पुलिस में लगाई गई आरटीआइ के जरिये ये आंकड़े मिले हैं।
आरटीआइ से मिली सूचना के अनुसार, वर्ष 2017-18 के मुकाबले वर्ष 2018-19 में बच्चों और बड़ों के अपहरण के मामलों में कमी तो आई, लेकिन महिलाओं और बच्चियों के अपहरण के मामले बढ़े हैं। वर्ष 2018-19 में राजधानी में 5,555 मामले अपहरण के दर्ज किए गए। इनमें से 70 फीसद मामलों में बच्चियों का अपहरण किया गया। वहीं महिला व पुरुषों के अपहरण के 365 मामले सामने आए। इनमें से 75 फीसद मामलों में महिलाओं का अपहरण किया गया।
बीते चार वर्षों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो बच्चियों और महिलाओं के अपहरण का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2015-16 में बच्चों के अपहरण में 56 फीसद मामले बच्चियों के साथ हुए थे, जबकि 2018-19 में यह आंकड़ा 70 फीसद पहुंच गया। वहीं वर्ष 2015-16 में हुए मामलों में 53 फीसद महिलाओं के अपहरण हुए थे, जबकि वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा 75 प्रतिशत तक पहुंच गया।