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NCR वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण गतिविधियों पर बैन हटाने की मांग वाली याचिका को तत्काल सुनने से मना किया

डेवलपर्स एंड बिल्डर्स फोरम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया। सीजेआई ने सिंह से कहा कि इस मुद्दे पर सरकार को फैसला करने दीजिए।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 02:26 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 02:26 PM (IST)
NCR वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण गतिविधियों पर बैन हटाने की मांग वाली याचिका को तत्काल सुनने से मना किया
NCR वायु प्रदूषण: SC ने निर्माण गतिविधियों पर बैन हटाने की मांग वाली याचिका को तत्काल सुनने से मना किया

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आवासीय घरों, अपार्टमेंट, छोटी इकाइयों और अन्य गैर-व्यावसायिक इकाइयों की निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध हटाने के निर्देश की मांग करने वाले एक आवेदन को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया।

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डेवलपर्स एंड बिल्डर्स फोरम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया।

सिंह ने कहा, 'हमने कभी भी निर्माण पर प्रतिबंध लगाने के लिए नहीं कहा। इसे छूट देनी चाहिए। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) आज कम है। हर रोज हजारों करोड़ का नुकसान हो रहा है।'

इस पर सीजेआई ने सिंह से कहा कि इस मुद्दे पर सरकार को फैसला करने दीजिए। सिंह ने जवाब दिया कि यह प्रतिबंध सरकार ने नहीं कोर्ट ने लगाया है।

पीठ ने जल्द सुनवाई के अनुरोध पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा, 'यह उचित नहीं है, मामला शुक्रवार को आएगा।' पीठ ने मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया, तब ही वायु प्रदूषण के मामले की भी सुनवाई होनी है।

वायु प्रदूषण मामले में डेवलपर्स और बिल्डर्स फोरम द्वारा दायर आवेदन में कहा गया है कि अगर सेंट्रल विस्टा परियोजनाओं, जो क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रदूषण का कारण बनती हैं, को 'राष्ट्रीय महत्व' की परियोजनाओं के रूप में जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो गैर-व्यावसायिक निर्माण में लगे बिल्डरों की परियोजनाएं और जो कोई प्रदूषण नहीं कर रही हैं, उनपर प्रतिबंध लगाने का कोई औचित्य नहीं है।

डेवलपर्स और बिल्डर्स फोरम (दिल्ली में 60 से अधिक बिल्डरों के एक फोरम) ने आवेदन में तर्क दिया है कि निर्माण गतिविधियों के भीतर भी, प्रदूषण में प्रमुख योगदानकर्ता बहुमंजिला इमारतों, सेंट्रल विस्टा परियोजना, मेट्रो निर्माण, फ्लाईओवर और अंडरपास आदि का निर्माण जैसी बड़ी वाणिज्यिक परियोजनाएं हैं।


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