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एम्‍स में इलाज से तो खुश हैं मरीज मगर इस कारण हैं खफा, पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट

मरीजों की असंतुष्टि का कारण सबसे बड़ा कारण खराब इलाज नहीं है बल्कि कर्मचारियों का खराब व्यहार है। उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी डॉक्टरों व पैरामेडिकल कर्मचारियों के व्यहार से होता है।

By Edited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 09:02 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 09:34 PM (IST)
एम्‍स में इलाज से तो खुश हैं मरीज मगर इस कारण हैं खफा, पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट
एम्‍स में इलाज से तो खुश हैं मरीज मगर इस कारण हैं खफा, पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट

नई दिल्ली, जेएनएन। एम्स (दिल्ली) में इलाज के लिए पहुंचने वाले करीब एक चौथाई मरीज यहां की व्यवस्था व सुविधाओं से संतुष्ट नहीं होते। 'मेरा अस्पताल कार्यक्रम' के तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है। मरीजों की असंतुष्टि का सबसे बड़ा कारण खराब इलाज नहीं है, बल्कि कर्मचारियों का खराब व्यवहार है।

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लंबी प्रतीक्षा से ज्‍यादा परेशानी 
उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी डॉक्टरों व पैरामेडिकल कर्मचारियों के व्यवहार से होती है। इसके अलावा भीड़ व इलाज के लिए लंबी प्रतीक्षा उनकी परेशानी और बढ़ा देती है। एम्स में इलाज की गुणवत्ता को लेकर मरीजों को कोई खास शिकायत नहीं है।

मेरा अस्‍पताल कार्यक्रम
चिकित्सा सुविधाओं में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने मेरा अस्पताल कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों के मोबाइल फोन पर मैसेज भेजकर उनकी प्रतिक्रिया मांगी जाती है। वर्ष 2017 की रिपोर्ट में एम्स के 23 फीसद मरीजों ने इलाज व सुविधाओं से असंतुष्टि जताई थी। पुराने रिकार्ड में कोई सुधार नहीं हुआ है, बल्कि असंतुष्ट होकर लौटने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 24 फीसद हो गई है।

एक लाख 93 हजार से अधिक मरीजों ने दी प्रतिक्रिया
एम्स में एक साल में इलाज के लिए 20 लाख, 15 हजार 945 मरीज पहुंचे। इनमें से 16 लाख 83 हजार 65 मरीजों का मोबाइल नंबर सही पाया गया। इनमें से 1 लाख 93 हजार 842 मरीजों ने प्रतिक्रिया दी। इनमें से 33 फीसद मरीज इलाज से बहुत संतुष्ट, 43 फीसद संतुष्ट व 24 फीसद असंतुष्ट थे।

39 फीसद मरीजों ने कहा कि कर्मचारी नहीं करते अच्छा व्यवहार

सर्वे में 39 फीसद मरीजों ने कहा कि एम्स में कर्मचारी उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते। सात फीसद मरीजों ने साफ-सफाई की शिकायत की। प्रतीक्षा क्षेत्र, कॉरिडोर व शौचालयों में सफाई की समस्या ज्यादा है। वार्ड के अंदर सफाई की समस्या नहीं है। इलाज के खर्च पर 15 फीसद मरीजों ने नाखुशी जताई। इसका सबसे बड़ा कारण सभी मरीजों को दवा व जांच की सुविधाएं नहीं मिल पाना है। सिर्फ एक फीसद मरीजों ने इलाज की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। इसके अलावा 38 फीसद मरीजों ने अन्य कारणों से नाखुशी जताई।

कर्मचारियों के व्यवहार से नाखुश होने वाले मरीज

  • डॉक्टरों के व्यहार से- 39 फीसद
  • नर्स- 10 फीसद
  • लैब व एक्सरे तकनीशियन- 10 फीसद
  • फार्मासिस्ट- 5 फीसद
  • वार्ड ब्वाय- एक फीसद
  • अन्य कर्मचारी- 35 फीसद
  • अन्य कारणों से असंतुष्ट होने वाले मरीज
  • इलाज में लंबा इंतजार- 47 फीसद
  • सूचना का अभाव- 8 फीसद
  • बुनियादी सुविधा का अभाव- 5 फीसद
  • भीड़ के कारण परेशानी- 25 फीसद
  • अन्य वजह- 25 फीसद
  • इलाज के खर्च से असंतुष्टि का कारण
  • दवाओं की कमी- 48 फीसद
  • जांच में असुविधा- 35 फीसद
  • शुल्क भुगतान से संबंधित असुविधा- 15 फीसद

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