Rail ticket scam: दलालों पर कार्रवाई के बाद अब विभागीय कर्मचारियों की भूमिका की जांच में जुटी एसआईबी
रेलवे के टिकट एजेंटों और दलालों पर अपनी सबसे बड़ी कार्रवाई के बाद अब RPF की विशेष जांच शाखा गिरोह में शामिल विभागीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों की भूमिका की जांच में जुट गई है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। रेलवे के टिकट एजेंटों और दलालों पर अपनी सबसे बड़ी कार्रवाई के बाद रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force, RPF) की विशेष जांच शाखा (Special Intelligence Branch) ने अब गिरोह में शामिल विभागीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। बताया जाता है कि यह रैकेट करोड़ों रुपयों का धंधा करता था।
अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए अब आरपीएफ ने रेलवे के वित्तीय विभाग से ई-टिकटों का रियल टाइम डाटा मांगा है। हालांकि, जांच शाखा को यह महत्वपूर्ण डाटा अभी उपलब्ध नहीं हो पाया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जब देशभर के विभिन्न टिकट एजेंटों के ई-टिकट की बुकिंग और भुगतान के माध्यमों से जुड़ा डाटा मिलेगा तो देशभर में फैले तत्काल )(Tatkal) टिकट से जुड़े इस रैकेट का समूल भंडाफोड़ हो सकेगा।
इस रैकेट में रेलवे के कर्मचारियों और अधिकारियों के शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर आरपीएफ के निदेश अरुण कुमार ने कहा कि यह अभी जांच का विषय है। मैं फौरी तौर पर जांच से जुड़ी कोई जानकारी साझा नहीं कर सकता हूं। वहीं आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस घोटाले के खिलाफ आरपीएफ के जांच की तारीफ की है। इस ऑपरेशन को 'ऑपरेशन थंडर' नाम दिया गया था।
सूत्र बताते हैं कि रेल मंत्री ने गिरोह में किसी भी विभागीय कर्मचारी और अधिकारी के शामिल होने की स्थिति में उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मंजूरी दे दी है। उल्लेखनीय है कि तत्काल सेवा और ई-टिकटिंग की बुकिंग के संबंध में आरपीएफ ने 205 शहरों और कस्बों में छापामारी करके लगभग 405 दलालों पर शिकंजा कसा था। जांच में पाया गया है कि तत्काल सेवा के ई-टिकट को बुक करने के लिए ज्यादातर एजेंट और दलाल एक विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं।
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