केंद्र सरकार ने बताया, जामिया में विरोध प्रदर्शनों के दौरान 62 पुलिसकर्मी और 127 अन्य हुए थे घायल
केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 62 पुलिसकर्मी और 36 छात्रों समेत 127 अन्य लोग घायल हुए थे।
नई दिल्ली, पीटीआइ। संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act 2019) को लेकर मचे सियासी बवाल के बीच सरकार ने जामिया में हुई हिंसक प्रदर्शनों के बारे में जानकारी दी है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान 62 पुलिसकर्मी और 36 छात्रों समेत 127 अन्य लोग घायल हुए थे। गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने दिल्ली पुलिस के हवाले से यह जानकारी दी।
निर्दोष छात्रों को बचाने घुसी थी पुलिस
रेड्डी ने बताया कि वह हिंसक छात्रों के समूह या भीड़ का पीछा करते हुए, अपराधियों को पकड़ने या तितर-बितर करने के लिए, हालात पर नियंत्रण पाने, सरकारी संपत्ति की सुरक्षा करने और इलाके में रह रहे निर्दोष छात्रों का जीवन बचाने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में घुसी थी। इस संबंध में दिल्ली पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है।
जम्मू-कश्मीर की पूर्ण आर्थिक क्षमता का नहीं हो पा रहा था इस्तेमाल
एक लिखित सवाल के जवाब में जी. किशन रेड्डी ने बताया कि अनुच्छेद-370 की वजह से जम्मू-कश्मीर की पूर्ण आर्थिक क्षमता का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा था। जबकि अनुच्छेद-35ए की वजह से क्षेत्र के लोग संविधान प्रदत्त पूर्ण अधिकारों से वंचित थे।
पिछले तीन साल में 2019 में सबसे ज्यादा सीएपीएफ कर्मियों ने जान दी
एक सवाल के लिखित जवाब में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि पिछले तीन साल के दौरान 2019 में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और असम राइफल्स (एआर) के सबसे ज्यादा जवानों (128) ने आत्महत्या की। जबकि 2018 में 96 और 2017 में 121 जवानों ने आत्महत्या की थी। अभी हाल ही में 30 जनवरी को जामिया से निकाले गए पैदल मार्च में गोली चलाने की घटना में एक प्रदर्शनकारी छात्र घायल हो गया था। वहीं, एक फरवरी को शाहीन बाग में धरनास्थल पर एक युवक ने गोली चला दी थी। इसके बाद पुलिस ने जामिया और शाहीन बाग पहुंचने वाले रास्तों पर सुरक्षा कड़ी कर दी है।