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वानखेड़े की मां को भिन्न दस्तावेज में मुस्लिम और हिंदू बताया गया, नवाब मलिक ने लगाया नया आरोप

महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक ने गुरुवार को एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े और उनके परिवार पर नया आरोप लगाया हालांकि बाद में कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख तक वानखेड़े के परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ कोई सार्वजनिक बयान नहीं देंगे।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 06:51 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 06:51 AM (IST)
वानखेड़े की मां को भिन्न दस्तावेज में मुस्लिम और हिंदू बताया गया, नवाब मलिक ने लगाया नया आरोप
वानखेड़े की मां को भिन्न दस्तावेज में मुस्लिम और हिंदू बताया गया

मुंबई, प्रेट्र। महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक ने गुरुवार को एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े और उनके परिवार पर नया आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2015 में वानखेड़े की मां की मृत्यु के बाद दो अलग-अलग प्रमाणपत्र बनवाए गए, जिनमें उन्हें मुस्लिम और हिंदू बताया गया।

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मलिक ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वानखेड़े की मां जाहिदा की मृत्यु 16 अप्रैल, 2015 को हुई। उन्हें ओशिवारा के कब्रिस्तान में दफनाने के लिए मुस्लिम महिला बताने वाला एक प्रमाणपत्र ले जाया गया था। उन्होंने कहा, लेकिन अगले दिन उनके परिवार ने एक और मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया, जिसमें उन्हें हिंदू बताया गया था।

मलिक ने मीडिया से बात करने से पहले अपने दावे के समर्थन में इन प्रमाणपत्रों को अपने ट्विटर हैंडल पर भी पोस्ट किया। उन्होंने आरोप लगाया, एक परिवार की दोहरी पहचान कैसे हो सकती है? मैं मुंबई नगर निकाय से सत्यापित दस्तावेज लेने के बाद इस बारे में सार्वजनिक तौर पर बोल रहा हूं।

परमबीर पर साधा निशाना

एएनआइ के अनुसार, नवाब मलिक ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह पर भी निशाना साधा। कहा कि जिस व्यक्ति ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरोप लगाए थे, वह खुद फरार हो गया था। अब वह व्यक्ति पुलिस के सामने पेश हो रहा है। लेकिन यह काम उसने तब किया, जब अदालत द्वारा उसे फरार घोषित कर दिया गया।

नौ दिसंबर तक वानखेड़े के खिलाफ सार्वजनिक बयान नहीं देंगे मलिक

नवाब मलिक ने गुरुवार को बांबे हाई कोर्ट से कहा कि वे एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े, उनके पिता और परिवार के सदस्यों के खिलाफ सुनवाई की अगली तारीख, नौ दिसंबर तक कोई ट्वीट नहीं करेंगे और न ही सार्वजनिक रूप से बयान देंगे। अदालत ने मंत्री से पूछा था कि क्या उन्होंने वानखेड़े की जातीय पहचान के खिलाफ अपने आरोपों के संबंध में जाति जांच समिति के सामने शिकायत दर्ज कराई है? और यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया है तो फिर मीडिया में प्रचार के पीछे क्या उद्देश्य है? अदालत ने कहा कि मंत्री को यह चीज शोभा नहीं देती। मलिक की ओर से पेश वकील कार्ल तंबोली ने अदालत के समक्ष बयान दिया।


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