मुथूट फाइनेंस लूट मामले में बीमा कंपनी देगी 37 लाख रुपये, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का आदेश
मुथूट फाइनेंस की बक्सर शाखा में जून 2013 में दिनदहाड़े डकैती और लूटे की घटना हुई थी। अब इस केस में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने बीमा कंपनी को तीन महीने के भीतर रकम का भुगतान करने को कहा है।
माला दीक्षित, नई दिल्ली। मुथूट फाइनेंस की बक्सर शाखा में जून 2013 में दिनदहाड़े हुई डकैती और लूटे गए सोने और नकदी की बीमा कंपनी 37,05,373 रुपये की क्षतिपूर्ति देगी। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने बीमा कंपनी न्यू इंडिया इश्योरेंस को तीन महीने में रकम का भुगतान करने का आदेश दिया है। बीमा कंपनी को रकम पर नौ प्रतिशत की दर से साधारण ब्याज भी देना होगा। इसके अलावा आयोग ने बीमा कंपनी को 25,000 रुपये मुकदमा खर्च भी मुथूट फाइनेंस को देने को कहा है।
102 करोड़ रुपये का था बीमा कवर
ये आदेश 29 सितंबर को आयोग के सदस्य रामसूरत राम मौर्या और डाक्टर इंदरजीत सिंह की पीठ ने मुथूट फाइनेंस लिमिटेड की शिकायत का निपटारा करते हुए दिए। दरअसल, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) मुथूट फाइनेंस लिमिटेड ने 12 जनवरी 2013 को न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से देशभर की अपनी शाखाओं के लिए एक पैकेज पालिसी ली थी। इस पालिसी में 102 करोड़ का बीमा कवर था।
बीमा कंपनी का था रिस्क कवर
पालिसी में 12 जनवरी 2013 से लेकर 11 जनवरी 2014 तक की अवधि की रिस्क कवर थी। मुथूट फाइनेंस की शिकायत के मुताबिक 11 जून 2013 को दोपहर 2.10 बजे बक्सर में अलका सिनेमा के पास पीपी रोड स्थिति मुथूट फाइनेंस की शाखा पर हथियार बंद डकैतों ने धावा बोला और सारा सामान लूट कर ले गए। लूटे गए सामान में 2123.90 ग्राम सोना और 1,94,894 रुपये नकद शामिल था।
बीमा कंपनी को दी गई सूचना
दुर्गापुर थाने में डकैती की रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ ही बीमा कंपनी को भी इसकी सूचना दी गई। मुथूट फाइनेंस ने लूट में हुए नुकसान पर बीमा कंपनी से 66,99,342 लाख का क्षतिपूर्ति दावा किया। बीमा कंपनी ने डकैती में हुए नुकसान के आकलन के लिए सर्वेयर नियुक्त किया।
कुल 43,05,373 रुपये का नुकसान
सर्वेयर ने बीमा कंपनी को क्षतिपूर्ति सेटेलमेंट में कुल हुए नुकसान की जो रिपोर्ट दी उसमें कहा गया कि नकदी, सोना और बाकी सारा नुकसान मिलाकर कुल 43,05,373 रुपये का नुकसान हुआ, जिसमें से एक्सेस क्लाज के तहत छह लाख रुपये काटने पर कुल 37,05,373 रुपये का नुकसान हुआ, जिसकी क्षतिपूर्ति होनी चाहिए।
66,99,342 रुपये क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग
हालांकि बीमा कंपनी ने कई चीजों के पैसे काटते हुए सिर्फ 17,04,024 रुपये ही क्षतिपूर्ति देने की पेशकश की, जिसे शिकायतकर्ता मुथूट फाइनेंस ने लेने से मना कर दिया और आयोग में शिकायत दाखिल कर 66,99,342 रुपये क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग की। मुथूट फाइनेंस का यह भी कहना था कि इस रकम की पेशकश करने में भी बीमा कंपनी ने बहुत ज्यादा देरी की। हालांकि बीमा कंपनी ने आयोग में मुथूट फाइनेंस की शिकायत का विरोध किया और दावे पर कई तरह के सवाल उठाए।
शिकायतकर्ता सर्वेयर द्वारा संस्तुति की गई रकम पाने का हकदार
आयोग ने दोनों पक्षों को सुनने और पेश साक्ष्य और रिकार्ड देखने के बाद अपने फैसले में कहा कि सर्वेयर की रिपोर्ट में दी गई क्षतिपूर्ति की रकम से कम रकम देने की बीमा कंपनी द्वारा की गई पेशकश ठीक नहीं है। शिकायतकर्ता (मुथूट फाइनेंस) सर्वेयर की रिपोर्ट में की गई क्षतिपूर्ति की संस्तुति की रकम पाने का हकदार है। आयोग ने आदेश में कहा है कि अगर कुछ रकम का बीमा कंपनी पहले ही भुगतान कर चुकी है तो वह रकम कुल रकम में समायोजित की जाएगी।
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