Move to Jagran APP

Online Sammelan: एनसीबी प्रमुख अस्थाना ने कहा- देश में मादक पदार्थों की तस्करी काफी गंभीर समस्या

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख राकेश अस्थाना ने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 2018-19 में किए गए एक सर्वेक्षण में दावा किया गया था कि दुनिया में अफीम हेरोइन जैसे मादक पदार्थों का सबसे ज्यादा उपभोग भारत में होता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 08:03 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 08:03 PM (IST)
Online Sammelan: एनसीबी प्रमुख अस्थाना ने कहा- देश में मादक पदार्थों की तस्करी काफी गंभीर समस्या
एनसीबी प्रमुख राकेश अस्थाना ने ऑनलाइन सम्मेलन में खुलकर रखी अपनी बात।

नई दिल्ली, प्रेट्र। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की कम मात्रा में भांग रखने वालों की गिरफ्तारी के लिए आलोचना भले ही की जाए, लेकिन वह बड़े तस्करों को मादक पदार्थ बेचने की अनुमति नहीं दे सकती। मादक पदार्थों से लोगों का जीवन तबाह होता है। यह बात एजेंसी के प्रमुख राकेश अस्थाना ने कही है। वह मंगलवार को ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल द्वारा आयोजित ऑनलाइन सम्मेलन में बोल रहे थे।

loksabha election banner

एनसीबी प्रमुख ने कहा- देश में मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन की स्थिति गंभीर 

अस्थाना ने कहा कि देश में मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन की स्थिति बहुत ही गंभीर है। मादक पदार्थों की तस्करी के परिप्रेक्ष्य में भारत गोल्डन क्रिसेंट पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान तथा गोल्डन ट्राएंगल म्यांमार-लाओस और थाईलैंड के बीच में स्थित है। वास्तव में इसे मौत का क्रिसेंट और मौत का ट्राएंगल (के बीच फंसा होना) कह सकते हैं।

अस्थाना ने कहा- सिर्फ केंद्रीय एजेंसी नशा तस्करी वालों से नहीं निपट सकती

उन्होंने कहा कि दुनिया की 95 फीसद हेरोइन का उत्पादन इन दो इलाकों में होता है। देश में म्यांमार और पाकिस्तान-अफगानिस्तान की तरफ से हेरोइन भेजी जाती है। पूरा पूर्वोत्तर और उत्तर पश्चिम बुरी तरह प्रभावित है। जितना धन नशा तस्करी से अर्जित किया जाता है, वह बहुत ज्यादा है। देश में नशे की समस्या बहुत बड़ी है और जब तक राज्य की एजेंसियां साथ नहीं देतीं, तब तक सिर्फ केंद्रीय एजेंसी अकेले इससे नहीं निपट सकती है।

एनसीबी प्रमुख ने कहा- नशा तस्करी जटिल समस्या है और समाधान सरल नहीं

एनसीबी प्रमुख ने कहा कि हमारी काफी आलोचना होती है कि हम लोगों से कम मात्रा में भांग क्यों पकड़ रहे हैं। समस्या कम या बड़ी मात्रा की नहीं है। समस्या यह है कि इन तस्करों या माफिया को हम उनका मादक पदार्थ बेचने की खुली जगह दे रहे हैं। यह जटिल समस्या है और समाधान बहुत सरल नहीं है। उन्होंने कहा कि हम राज्य पुलिस एजेंसियों को इस समस्या के बारे में जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं और आपूर्ति रोकने के लिए उनसे अभियान चलाने को कह रहे हैं।

अस्थाना ने कहा- गंभीरता से काम करने पर निकलेगा समाधान

अस्थाना ने कहा कि अगर गंभीरता से काम किया जाए तो निश्चित तौर पर समस्या का समाधान हो जाएगा। एनसीबी की हाल में कम मात्रा में मादक पदार्थ रखने वालों को पकड़ने के लिए आलोचना की जाती रही है,लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि संघीय एजेंसी को अवैध व्यापार में संलिप्त बड़े गिरोहों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 2018-19 में किए गए एक सर्वेक्षण का हवाला दिया। इसमें दावा किया गया था कि दुनिया में अफीम, हेरोइन जैसे मादक पदार्थों का सबसे ज्यादा उपभोग भारत में होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.