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Chhattisgarh: जिस जवान को समझ रहे थे फरार, नक्सलियों ने अपहरण कर की उसकी हत्या

शव के समीप एक नक्सली पर्चा बरामद किया गया। पर्चा भाकपा माओवादी की गंगालूर एरिया कमेटी की ओर से जारी किया गया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 06:28 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 06:28 AM (IST)
Chhattisgarh: जिस जवान को समझ रहे थे फरार, नक्सलियों ने अपहरण कर की उसकी हत्या
Chhattisgarh: जिस जवान को समझ रहे थे फरार, नक्सलियों ने अपहरण कर की उसकी हत्या

बीजापुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ आ‌र्म्ड फोर्स (CAF) की 17वीं बटालियन की पायनियर कंपनी के जवान मन्नूलाल सूर्यवंशी की नक्सलियों ने अपहरण के पांच दिन बाद हत्या कर दी। नक्सलियों ने जवान के शव को पदेड़ा गांव से सौ मीटर दूर गंगालूर रोड पर छोड़ दिया। बता दें कि रविवार को पुलिस ने जवान के कैंप से फरार होने की बात कही थी।

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सूत्रों के मुताबिक, मन्नूलाल (35) रविवार सुबह करीब पांच बजे गंगालूर रोड स्थित नई पुलिस लाइन के अपने कैंप से अकेले निकला था। इसकी सूचना कैंप में किसी को नहीं थी। उसी दिन दोपहर प्लाटून कमांडर बलराम मौर्य ने मन्नूलाल के लापता होने की खबर कोतवाली को दी। उसे फरार मानकर पुलिस तलाश कर रही थी। शुक्रवार सुबह उसका शव जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर पदेड़ा गांव के पास रोड पर मिला। जवान के सिर के पिछले हिस्से में घसीटे जाने के निशान पाए गए हैं। हाथ रस्सी से बंधे होने के कारण सूजे हुए थे। गले में भी रस्सी के निशान थे। समझा जाता है कि मन्नूलाल की हत्या रस्सी से गला घोंटकर की गई है।

मन्नूलाल पर लगाया मुखबिरी करने का आरोप

शव के समीप एक नक्सली पर्चा बरामद किया गया। पर्चा भाकपा माओवादी की गंगालूर एरिया कमेटी की ओर से जारी किया गया है। इसमें मन्नूलाल पर मुखबिरी करने और जनता पर अत्याचार करने का आरोप लगाया गया है।

सुबह करीब आठ बजे कोतवाली पुलिस ने शव बरामद किया। बिलासपुर जिले के कोनी थाना क्षेत्र के रमतला गांव के निवासी मन्नूलाल सूर्यवंशी का पीएम जिला हॉस्पिटल में किया गया। मन्नूलाल का परिवार रमतला में रहता है।

मुकबिरी का आरोप लगाकर एक परिवार को गांव से भगाया

वहीं, दूसरी ओर कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के जाटलूर गांव में नक्सलियों ने एक परिवार को पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर गांव से भगा दिया था। पीड़ित परिवार ने जिला मुख्यालय के नयापारा में शरण ली। नक्सलियों ने जन अदालत लगाकर परिवार के मुखिया पर आरोप लगाया कि वह पुलिस विभाग में कार्यरत भाई को नक्सली संगठन की खबर पहुंचाता था।


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