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हताशा में और भी साफ्ट टारगेट पर हमला कर सकते हैं नक्सली

सुरक्षा एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नक्सली नहीं चाहते है कि उनके वर्चस्व वाले इलाके की हकीकत सामने आए।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 03 Nov 2018 07:33 PM (IST)Updated: Sat, 03 Nov 2018 07:33 PM (IST)
हताशा में और भी साफ्ट टारगेट पर हमला कर सकते हैं नक्सली
हताशा में और भी साफ्ट टारगेट पर हमला कर सकते हैं नक्सली

नीलू रंजन, नई दिल्ली। डीडी न्यूज के कैमरामैन की हत्या पर भले ही नक्सलियों ने खेद जताया हो, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार नक्सली ऐसे साफ्ट टारगेट पर और भी हमला कर सकते हैं। सुरक्षा बलों के आपरेशन के चलते नक्सलियों का प्रभाव वाला इलाका लगातार सिमटता जा रहा है और उसी अनुपात में उसकी लेवी वसूली भी कम होती जा रही है। ऐसे में अपना खौफ बनाए रखने के लिए नक्सली हताशा में निर्दोष लोगों को निशाना बना रहे हैं।

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सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि डीडी न्यूज के कैमरामैन की हत्या नक्सलियों की पहली वारदात नहीं है। नक्सलियों की ज्यादतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने स्थानीय पत्रकार उनकी हिंसा का शिकार होते रहे हैं। यही नहीं, नक्सलियों के सीधे सुरक्षा बलों से टकराने के बजाय छुट्टी पर घर गए जवानों को भी निशाना बनाने लगे हैं। 17 सितंबर को बिहार के जमुई में छुट्टी पर गए एसएसबी के जवान सिकंदर यादव की हत्या इसी कड़ी में है। सबसे बड़ी बात यह है कि सिकंदर यादव का नक्सल विरोधी आपरेशन से कोई लेना-देना भी नहीं था और वे मधुबनी जिले में तैनात थे, जहां नक्सली है ही नहीं।

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार जैसे नक्सलियों का जनाधार कम होता जा रहा है कि निर्दोष लोगों पर उनकी ज्यादतियों की घटनाएं बढ़ती जा रही है। हाल ही में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली नेता पहाड़ सिंह ने खुलासा किया कि स्थानीय आदिवासियों के बीच भय का वातावरण बनाए रखने के लिए बड़े नक्सली नेताओं के निर्देश पर निर्दोषों को निशाना बनाना आम बात है। पांच सितंबर को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 20 निर्दोष आदिवासियों के साथ मारपीट की थी। मीडिया में मुद्दा उछलने के बाद बेला भाटिया और सोनी सोरी जैसी नक्सली समर्थक मानवाधिकारवादियों ने भी इसकी निंदा की थी और नक्सलियों को संयम बरतने की सलाह दी थी।

डीडी न्यूज की टीम पर हमले के पीछे की नक्सलियों की असली रणनीति के बारे में बताते हुए सुरक्षा एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नक्सली नहीं चाहते है कि उनके वर्चस्व वाले इलाके की हकीकत सामने आए। उनके अनुसार नक्सली हमेशा अपने समर्थक पत्रकारों को इलाके में लाकर सुरक्षा बलों के खिलाफ खबरें छपवाते रहे हैं। डीडी न्यूज की टीम पर हमला कर नक्सलियों ने स्वतंत्र रिपोर्टिग करने की कोशिश करने वाले पत्रकारों के बीच दशहत पैदा करने की कोशिश की है।


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