छत्तीसगढ़ में आधार कार्ड के आड़े आए नक्सली, राशन कार्ड नहीं हो पा रहे लिंक
बीजापुर जिले में 90 हजार आधार कार्ड इसलिए दोबारा प्रिंट कराने पड़े क्योंकि वे संबंधित पतों तक पहुंच ही नहीं पाए।
अनिल मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ स्थित बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की योजना अटक गई है। नक्सली आधार कार्ड का विरोध कर रहे हैं। इसलिए ग्रामीण आधार कार्ड बनवाने ही नहीं आ रहे हैं। ऐसे में राशन कार्ड को आधार से लिंक कैसे किया जाए, यह समस्या खड़ी हो गई है। कुछ महीने पहले तक खाद्य विभाग जंगल में बसे गांवों में जाकर लोगों को प्रेरित कर रहा था कि नजदीकी कैंप में जाकर बायोमैट्रिक मशीनों में अपनी पहचान दर्ज करा दें।
अब नए नियम आने के बाद मशीनों को शिफ्ट नहीं किया जा सकता। सुदूर इलाकों में दूसरी समस्याएं भी हैं। बीजापुर जिले में 90 हजार आधार कार्ड इसलिए दोबारा प्रिंट कराने पड़े क्योंकि वे संबंधित पतों तक पहुंच ही नहीं पाए। दूर-दराज बसे गांवों की राशन दुकानें गांव से 30-40 किलोमीटर दूर थानों या कैंप के पास हैं। ग्रामीण पैदल चलकर राशन लेने आते हैं और अपना राशन कार्ड और आधार कार्ड किसी परिचित के पास छोड़ जाते हैं।
नियमों भी आ रहे आड़े
आदिवासी इलाकों में साप्ताहिक हाट बाजार में कैंप लगाकर आधार कार्ड बनाए जा रहे थे। अब नए नियमों के तहत बायोमैट्रिक मशीन को एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जाया जा सकता। जिला या ब्लॉक मुख्यालय में जहां मशीन लगी है वहीं आधार बन सकता है। इन इलाकों में मशीन थानों या पुलिस कैंपों के आसपास लगाई गई है। यहां आने पर नक्सलियों की नाराजगी का खतरा है।
नक्सल प्रभावित जिलों बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा में ग्रामीणों के पास आधार कार्ड नहीं है। नक्सली आधार कार्ड का विरोध कर रहे हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि सभी के आधार कार्ड बन जाएं।
-मनोज कुमार सोनी, विशेष सचिव, खाद्य विभाग छत्तीसगढ़