लगातार पिट रहे नक्सली अब मनोबल बढ़ाने के लिए दिखा रहे दम
नक्सली छत्तीसगढ़ में चुनावी साल में अपनी उपस्थिति दिखाने के लिए बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
रायपुर, (नईदुनिया)। तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में फोर्स के हाथों लगातार पिट रहे नक्सली छत्तीसगढ़ में चुनावी साल में अपनी उपस्थिति दिखाने के लिए बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। हालांकि, सुरक्षा बलों का मानना है कि वे जवाबी कार्रवाई सिर्फ सुकमा में ही कर सकते हैं। इसकी वजह यह है कि सुकमा के जंगलों में उनकी एक बटालियन मौजूद है। इस बटालियन में बस्तर के स्थानीय कैडर के अलावा आंध्र, तेलंगाना, ओडि़शा और महाराष्ट्र के लीडर्स भी शामिल हैं।
खुफिया सूत्रों ने बताया कि फोर्स की कार्रवाइयों से न सिर्फ बस्तर में बल्कि पड़ोसी तेलंगाना में भी नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। होली के दिन बीजापुर जिले के पुजारी कांकेर में उनके दस लोग मारे गए। तेलंगाना में क्यू टीम को भी बैकफुट में धकेलेने में फोर्स को सफलता मिली है। इससे नक्सलियों के स्थानीय कैडर का मनोबल काफी गिर गया है। इस साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे वक्त में वे संगठन में बिखराब होने नहीं देना चाहते। हाल के महीनों में फोर्स लगातार आक्रामक रही। नक्सलियों के दरभा डिवीजन को भारी नुकसान हुआ है और वहां उनका संगठन लगभग खत्म हो चुका है। ऐसे में मनोबल बनाए रखने के लिए सुकमा में बड़ी कार्रवाई की जा रही है।
हमले में कौन शामिल था, साफ नहीं
किस्टाराम में हुआ हमला नक्सलियों की बटालियन की कार्रवाई है, इतना तो तय है, लेकिन इसका नेतृत्व किसने किया यह अब तक साफ नहीं हो पाया है। नंबर वन बटालियन में हिड़मा, सीतू, नागेश और अर्जुन का नाम लगातार सामने आता रहा है। फोर्स इन चारों नक्सलियों के बारे में सूचना जुटाने में लगी है।
उपस्थिति दिखाने की कोशिश
नक्सली बस्तर में अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। इसी वजह से बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी कुछ घटनाओं को अंजाम दिया। बीजापुर में गाडि़यों की आगजनी और मजदूरों के अपहरण की घटनाएं सामने आई। इसके साथ ही किस्टाराम में घटनास्थल पर भी उन्होंने अपनी उपस्थिति दिखाने की कोशिश की। बुधवार को मौके पर जब मीडिया की टीम पहुंची तो वहां एंटी लैंड माइंस में आग लगी हुई थी। इसका मतलब है कि नक्सली वहीं हैं और रात में घटनास्थल पर दोबारा गए थे।