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नक्सल कमांडर रमन्ना की मौत पर नक्सलियों की चुप्पी से गहराया रहस्य

रमन्ना की हार्टअटैक से मौत की खबर के बाद दो दिन से छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस इसकी पुष्टि के लिए परेशान दिखी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 11:41 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 11:41 PM (IST)
नक्सल कमांडर रमन्ना की मौत पर नक्सलियों की चुप्पी से गहराया रहस्य
नक्सल कमांडर रमन्ना की मौत पर नक्सलियों की चुप्पी से गहराया रहस्य

जगदलपुर, जेएनएन। नक्सल कमांडर रमन्ना की मौत पर सस्पेंस अब भी कायम है। हमारे सहयोगी अखबार नई दुनिया के अनुसार, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के पास यह सूचना है कि तेलंगाना से सटे बीजापुर जिले के जंगल सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया, लेकिन नक्सली इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। रमन्ना अप्रैल 2010 में हुई अब तक की सबसे बड़ी नक्सल वारदात ताड़मेटला कांड का मास्टरमाइंड था। ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवान मारे गए थे।

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सोशल मीडिया में आई खबर

रमन्ना की हार्टअटैक से मौत की खबर के बाद दो दिन से छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस इसकी पुष्टि के लिए परेशान दिखी। हालांकि नक्सलियों ने अब तक न हां कहा है न ही इन्कार किया है। मंगलवार को सोशल मीडिया में खबर चलने लगी कि तेलंगाना के कोत्तागुड़म जिले के एसपी सुनील दत्त ने रमन्ना की मौत की पुष्टि कर दी है। हालांकि बाद में तेलंगाना पुलिस ने भी साफ कर दिया कि अधिकारिक पुष्टि नहीं है। बस्तर आइजी सुंदरराज पी ने कहा कि रमन्ना नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। अगर उसकी मौत हुई है तो नक्सली इसे क्यों छिपाएंगे? दो दिन से रमन्ना की मौत की खबर चल रही है। अगर यह सच न होती तो अब तक नक्सलियों ने खंडन कर दिया होता।

रमन्‍ना के मौत की ज्‍यादा संभावना 

आइजी ने कहा कि हम उसका शव तो बरामद नहीं कर सकते कि तुरंत पुष्टि कर दें। खुफिया एजेंसियों को गांव से इनपुट आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की खुफिया एजेंसियों को खबर मिली है कि सोमवार को पामेड़, बासागुड़ा और जगरगुंडा के बीच ट्राइजंक्शन कहे जाने वाले नक्सलियों के कोर इलाके के किसी गांव शायद, पालागुड़म या जोड़ागुड़ा के आसपास के जंगल में रमन्ना का अंतिम संस्कार किया गया। सुंदरराज ने कहा कि जो इनपुट मिल रहे हैं उससे 90 फीसद संभावना तो यही है कि रमन्ना की वास्तव में मौत हो चुकी है। अगर नहीं हुई है तो आश्चर्य की बात है कि नक्सली इसका खंडन क्यों नहीं कर रहे हैं।

15 साल की उम्र से दक्षिण बस्तर के जंगलों में सक्रिय रहा रमन्ना

तेलंगाना के वारंगल जिले के रमन्ना उर्फ रावुलू श्रीनिवास ने 15 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था। तभी से वह दक्षिण बस्तर के सुकमा व बीजापुर जिले के बीच के जंगलों में सक्रिय रहा। छह अप्रैल 2010 को सुकमा जिले के ताड़मेटला में उसने सीआरपीएफ की एक कंपनी पर हमला किया जिसमें 76 जवानों की मौत हो गई। 2005 से अब तक उस इलाके में हुई लगभग सभी बड़ी वारदातों का मास्टरमाइंड उसे माना जाता है। आंध्र, ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्य सरकारों ने उसपर कुल ढाई करोड़ से ज्यादा का इनाम रखा है।

पुलिस के पास नहीं है रमन्ना की कोई ताजा तस्वीर

रमन्ना इतना शातिर है कि पुलिस उसकी कोई हालिया तस्वीर तक हासिल नहीं कर पाई है। रमन्ना की मौत की खबरों के बाद रमन्ना की वही तस्वीर सामने आई जो बेदह पुरानी है। रमन्ना पर घोषित इनाम के साथ पुलिस इसी तस्वीर का इश्तहार जारी करती है पर वह पकड़ में नहीं आता। जबकि बस्तर में ही उसपर 40 लाख रपये का नगद इनाम घोषित है। 


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