नोटबंदी के असर से नक्सली और पत्थरबाज़ी में कमी: हंसराज अहीर
राज्य सभा में हंसराज ने एंजेंसी की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि नोटबंदी से नक्सलवाद पर करारी चोट पहुंची है।
नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्र सरकार की ओर से आज राज्य सभा की कार्रवाई के दौरान जानकारी दी गयी कि 500 और 1,000 के पुराने नोटों का चलन बंद होने का देश पर सकरात्मक असर पड़ा है, साथ ही इससे देश में होने वाली हिंसक गतिविधियों पर लगाम लगी है। जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी दर्ज की गयी है और नक्सलवाद पर चोट पहुंची है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्य सभा में विपक्ष के एक सवाल के जवाब में कहा कि आतंकी फंडिंग के लिए अवैध तरीके से इकट्ठा की गयी रकम नोटबंदी की वजह से बर्बाद हो गयी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष नवंबर माह में हुयी नोटबंदी के बाद से पाकिस्तान में छपे हाई क्वालिटी के फर्जी भारतीय करेंसी की बड़ा भंडार खराब हो गया है। मंत्री ने नोटबंदी से हवाला करोबार पर करारी चोट दी है।
राज्य सभा में हंसराज ने एंजेंसी की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि नोटबंदी से नक्सलवाद पर करारी चोट पहुंची है। ऐसे में नक्सली घबराए हुए हैं और नोटबंदी से हुए अपने नुकसान को कम करने की कोशिशों में जुटे हैं। एक दूसरे सवाल के जवाब में गंगाराम ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को सीमापार से हवा दी जाती है।
पाक प्रयोजित आतंकवाद के आंकड़ों को मंत्री ने सदन में पेश करते हुए कहा कि इस वर्ष जून माह तक जम्मू कश्मीर में 194 हिंसक घटनाएं हुयी हैं, जिसमें 109 आतंकवादी, 38 सुरक्षाबलों और 19 आम नागरिक मारे गए, जबकि वर्ष 2016 में इतनी ही अवधि में राज्य में 155 हिंसक घटनाएं हुयी थी। उस वक्त इन घटनाओं में 86 आतंकवादी और 31 सुरक्षाबल समेत पांच आम नागरिकों की मौत हुयी।
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