कांग्रेस-भाजपा ने एक दूसरे को ठहराया नक्सल समर्थक
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं की हत्या करने वाले नक्सलियों को आतंकवादी करार देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने उम्मीद जताई कि सुनियोजित व जानबूझकर किया गया यह जघन्य हत्याकांड नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक मोड़ साबित होगा। जयराम ने कहा कि नक्सलियों को महिमामंडित या बेचारा नहीं दिखाया जाना चाहिए क्योंकि वे आतंकी हैं, जिनका काम सिर्फ आतंक फैलाना है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। छत्तीसगढ़ नरसंहार के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासत बेहद निचले स्तर तक आ गई है। दोनों ही राष्ट्रीय दल एक दूसरे पर नक्सल समर्थक होने की तोहमत मढ़ने लगे हैं। कांग्रेस ने भाजपा-माओवादी सांठगांठ का आरोप लगाकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की जिम्मेदारी तय करने की बात कही तो जवाब में भाजपा ने भी कहा कि 'बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी।'
अपने नेताओं पर बड़े नक्सली हमले के सदमे से उबरने के बाद कांग्रेस ने सीधे इस घटना के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। राज्य से सांसद और केंद्र में मंत्री चरणदास महंत ने साफ लफ्जों में भाजपा व नक्सलियों में सांठगांठ की तरफ इशारा किया और कहा, पूरे मामले में जिस तरह की आपराधिक लापरवाही बरती गई है, उसे माफ नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने भी कहा, एक बात समझ से परे है कि भाजपा की विकास यात्रा के लिए एक सुरक्षा मानदंड और कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के लिए दूसरा मापदंड क्यों अपनाया गया। दो घंटे गोली चली और राज्य सरकार कोई सहायता नहीं दे सकी। यह लापरवाही जो हुई है इसे रोका जा सकता था या यह सब सुनियोजित था, ऐसे कई गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।
वहीं, गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने विपक्ष के सियासत करने के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा, न प्रधानमंत्री, न सोनिया गांधी और न ही राहुल गांधी इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। मगर जो चूक हुई है, उसकी जिम्मेदारी तय होनी ही चाहिए और यह जरूर होगा।
भाजपा ने भी कांग्रेस के इन आरोपों पर तीखा पलटवार किया है। पार्टी ने कांग्रेस पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कांग्रेस को इस मुद्दे पर राजनीति न करने की चेतावनी देते हुए कहा, यदि बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी। उन्होंने सोनिया की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में अरुंधती राय जैसे नक्सली समर्थकों को शामिल किए जाने से लेकर पी. चिदंबरम द्वारा शुरू किए गए नक्सल विरोधी अभियान की दिग्विजय सिंह और मणिशंकर अय्यर जैसे नेताओं द्वारा की गई आलोचनाओं का हवाला दिया। यही नहीं, जावड़ेकर ने छत्तीसगढ़ नरसंहार के पीछे राज्य कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता की साजिश की चर्चा की। साथ ही इशारा कर साफ कर दिया कि इस मुद्दे पर भाजपा जैसे को तैसा जवाब देने को तैयार है।
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