Move to Jagran APP

मेघालय में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए नौसेना ने गोताखोर भेजे

नौसेना के तीन कर्मी बचाव अभियान स्थल पर पहुंच गए हैं। सूत्रों ने बताया कि अगले 12 घंटे में गोताखोर भी शामिल हो जाएंगे।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 28 Dec 2018 09:33 PM (IST)Updated: Fri, 28 Dec 2018 10:36 PM (IST)
मेघालय में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए नौसेना ने गोताखोर भेजे
मेघालय में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए नौसेना ने गोताखोर भेजे

नई दिल्ली, प्रेट्र/आइएएनएस। मेघालय में कोयले की खदान में फंसे 15 मजदूरों के बचाव अभियान में शामिल होने के लिए विशाखापत्तनम नौसेना के गोताखोरों का एक दल भेजा गया है। खनन मजदूर 13 दिसंबर से ही खदान में फंसे हुए हैं। सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि नौसेना के गोताखोर शनिवार सुबह से बचाव अभियान में शामिल होंगे।

loksabha election banner

नौसेना के तीन कर्मी बचाव अभियान स्थल पर पहुंच गए हैं। सूत्रों ने बताया कि अगले 12 घंटे में गोताखोर भी शामिल हो जाएंगे। खनन मजदूर लुमथारी गांव के कसान इलाके में 370 फीट गहरे गैरकानूनी कोयला खदान में फंसे हैं।

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक अतिरिक्त टीम भेजी है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) के अधिकारी सुदूर ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले के कसन इलाके में पहुंच गए हैं। किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड का दो सदस्यीय दल पहले ही मौके पर पहुंच चुका है। सीआइएल और किर्लोस्कर ने संयुक्त रूप से 18 उच्च शक्ति के पंप भेजे हैं। वायुसेना ने भुवनेश्वर से 10 पंपों को गुवाहाटी पहुंचा दिया है। यहां से ये पंप खदान तक पहुंचाए जाएंगे।

वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने कहा कि सी-130जे सुपर हरकुलस शुक्रवार को एनडीआरएफ बचावकर्ताओं को भुवनेश्वर से गुवाहाटी लाने के कार्य में लगाया गया है।

किर्लोस्कर ब‌र्द्स लिमिटेड के एन. महापात्रा ने कहा, 'हम गुरुवार को खनन स्थल पर गए और एनडीआरएफ टीम के साथ प्रारंभिक आकलन किया है। हमने एनडीआरएफ व राज्य प्रशासन के साथ खान से पानी निकालने की योजनाओं व रणनीतियों पर चर्चा की।' उन्होंने कहा कि पानी निकालने के लिए शक्तिशाली पंपों की जरूरत है। इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.