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जानिए, नौसेना दिवस से जुड़ी कुछ खास बातें

हम आपको इस खास दिन सेना की ताकत से जुड़े कुछ तथ्य बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में..

By Mohit TanwarEdited By: Published: Sun, 04 Dec 2016 12:41 PM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2016 01:34 PM (IST)
जानिए, नौसेना दिवस से जुड़ी कुछ खास बातें

नई दिल्ली, (जेएनएन)। रविवार को भारतीय नौसेना दिवस मनाया गया। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत, सेना प्रमुख दलबीर सिंह, नौसेना प्रमुख सुनील लांबा और वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने अमर जवानों को याद किया। आज हम आपको इस खास दिन सेना की ताकत से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में..

इसलिए बनाया जाता है चार दिन को नौसेना दिवस

भारतीय नौसेना विश्व की पांचवीं ताकतवर नौसेना है। 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में चार दिसंबर के दिन ऑपरेशन ट्राइडेंट चलाकर कराची बंदरगाह में तीन पाकिस्तानी युद्धपोतों को नेस्तनाबूद कर दिया था। इस मिशन में सफलता के बाद से हर साल चार दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। हमारी नौसेना देश और हमारी रक्षा के लिए दिन-रात मुस्तैद रहती है। साथ ही चीन और पाकिस्तान को भी मुंहतोड़ जवाब देने के लिए नौसेना हमेशा तैयार रहती है।

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पांच सितंबर वर्ष 1612 में हुई शुरुआत

वैसे तो भारतीय नौसेना की शुरुआत पांच सितंबर वर्ष 1612 में हुई थी, जब ईस्ट इंडिया कंपनी के युद्धपोतों का पहला बेड़ा सूरत बंदरगाह पर पहुंचा था। वर्ष 1934 में रॉयल इंडियन नेवी की स्थापना हुई थी। 26 जनवरी1950 को गणतंत्र लागू होते ही भारतीय नौसेना ने रॉयल नाम को त्याग दिया था।

सैन्यकर्मी

9,866 अफसर

57,999 नौसैन्य कर्मी

7,000 वायुशाखा के सैनिक

2,000 मरीन कमांडो


1,000 सागर प्रहरी बल सैनिक

नौसैन्य क्षमता

295 कुल जंगी जहाज

1 विमानवाहक युद्धपोत

14 बड़े युद्धपोत (फ्रिगेट)

26 छोटे युद्धपोत (कोर्वेट्स)

10 विध्वंसक युद्धपोत (डिस्ट्रॉयर)

14 पनडुब्बी

2 परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी

135 तटरक्षक जहाज

6 एंटी माइन युद्धपोत

7 बड़े बंदरगाह और टर्मिनल

340 मर्चेंट मरीन जहाज

परमाणु ऊर्जा चालित

- आइएनएस चक्र (एस71) परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी को रूस से 2012 में दस साल की लीज पर लिया गया।

- आइएनएस अरिहंत (एस73) स्वदेशी परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी है। इसे इसी साल अगस्त में नौसेना में शामिल किया गया है।

विमानवाहक युद्धपोत

आइएनएस विक्रमादित्य को 14 जून, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को सौंपा था। इसमें मिग 29के लड़ाकू विमान जैसे 36 विमान रखे जा सकते हैं।

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मरीन कमांडो फोर्स (मारकोस)

यह भारतीय नौसेना की स्पेशल फोर्स यूनिट है। यह 1987 में अस्तित्व में आई। त्वरित कार्रवाई, आतंकवाद से निपटना, छद्म युद्ध, इसका मुख्य उद्देश्य है। 26/11 के मुंबई आतंकी हमले में ताज होटल में बंधक बनाए गए लोगों की मदद के लिए भी इनका सहयोग लिया गया।

- 36 युद्धपोत का निर्माण जारी

-2027 तक 212 युद्धपोत और 458 विमान शामिल होने की संभावना।

प्रमुख अभियान

1961 : आपरेशन विजय - पुर्तगालियों से गोवा मुक्ति अभियान में पहली बार नौसेना का प्रयोग

1988 : आपरेशन कैक्टस - वायुसेना के साथ मिलकर मालदीव संकट का समाधान

1999 : आपरेशन तलवार - कारगिल युद्ध के दौरान सहयोग

2004 : सुनामी संकट में राहत एवं पुर्नवास कार्यक्रम में सहयोग

2006 : आपरेशन सुकून - लेबनान में फंसे भारतीय, श्रीलंका और नेपाल के नागरिकों को निकालने में सहायता

2011 : ऑपरेशन सेफ होमकमिंग के तहत युद्धग्रस्त लीबिया से भारतीयों को बचाने में अहम भूमिका निभाई।

2015 : ऑपरेशन राहत : यमन में फंसे 3,074 नागरिकों को बचाने में अहम भूमिका। इसमें 1,291 विदेशी नागरिक थे।

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