लड़ाकू जहाज बनाने में भारत को महारत: सुनील लांबा
भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं ने गुरुवार से ही दक्षिण चीन से सागर में संयुक्त अभ्यास शुरू कर दिया है।
सिंगापुर, प्रेट्र। समुद्र में चलने वाले लड़ाकू जहाज बनाने में भारतीय कंपनियों को महारत हासिल हो गई है। इसके चलते भारतीय जहाज निर्माण उद्योग दुनिया में खास महत्व रखता है। ये भारतीय कंपनियां हर तरह के जहाज, पनडुब्बी और विमानवाहक पोत बनाने में सिद्धहस्त हैं।
विभिन्न देशों के 41 जहाज और पनडुब्बियां इस समय भारत में बन रही हैं। यह जानकारी नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने दी है। एडमिरल लांबा यहां पर चार दिवसीय दौरे पर आए हुए हैं। इस बीच भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं ने गुरुवार से ही दक्षिण चीन से सागर में संयुक्त अभ्यास शुरू कर दिया। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के चार जहाज और अत्याधुनिक पी-81 टोही विमान भाग ले रहे हैं। जबकि सिंगापुर की नौसेना की ओर से फोकर एफ 50 निगरानी विमान और एफ-16 लड़ाकू विमान भी अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा के अनुसार अभ्यास के दौरान पनडुब्बी से होने वाले युद्ध पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अभ्यास में हमले और बचाव की रणनीति पर मिली-जुली कार्रवाई की जाएंगी। दोनों देशों की नौसेनाओं का वार्षिक संयुक्त अभ्यास 1994 से जारी है। यह अभ्यास 24 वां होगा।
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