कार्रवाई के डर से नियमों का पालन करने लगीं गंगा को प्रदूषित करने वाली कंपनियां
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने बीते ढाई साल में नियमों का पालन न करने वाली 350 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को बंद करने का आदेश जारी किया है।
नई दिल्ली [हरिकिशन शर्मा]। सरकार की सख्ती के बाद गंगा को प्रदूषित करने वाली औद्योगिक इकाइयों ने नियमों का पालन करना शुरु कर दिया है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने बीते ढाई साल में नियमों का पालन न करने वाली 350 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को बंद करने का आदेश जारी किया है।
ये कंपनियां गंगा को प्रदूषित कर रहीं थीं। इसका असर यह हुआ है कि चालू वित्त वर्ष में नियमों का उल्लंघन कर कर गंगा में गंदगी गिराने वाली प्रदूषणकारी औद्योगिक इकाइयों की संख्या काफी घट गयी है।
एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने 'दैनिक जागरण' से कहा कि वर्ष 2016-17 और 2017-18 में कुल 538 ऐसी कंपनियां थीं जो नियमों का पालन नहीं कर रहीं थीं लेकिन वर्ष 2018-19 में अगस्त के अंत तक तक यह संख्या घटकर मात्र 57 रह गयी है।
इसका मतलब यह है कि अब अधिकाधिक औद्योगिक इकाइयां प्रदूषण संबंधी नियमों का पालन कर रहीं हैं। मिश्रा ने कहा कि इस साल अप्रैल-जून की अवधि में गंगा के आस-पास 961 प्रदूषणकारी औद्योगिक इकाइयों (ग्रॉस पॉल्यूटिंग इंडस्ट्रीज) की जांच की गयी जिसमें से 620 कंपनियों की रिपोर्ट पर कार्रवाई की जा चुकी है।
इनमें से 352 कपंनियां नियमों का पालन कर रही हैं जबकि सरकार की सख्ती के मद्देनजर 211 इकाइयों ने स्वत: ही परिचालन बंद कर दिया है। नियमों का पालन न करने वाली 57 कंपनियों से 54 को पर्यावरण संरक्षण कानून की धारा पांच के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है तीन को बंद करने का आदेश दिया गया है।
गौरतलब है कि पिछले साल महज 751 प्रदूषणकारी इकाइयों का मुआइना किया गया था कि वे गंगा को प्रदूषित न करने संबंधी नियमों का पालन कर रहीं हैं या नहीं। इसमें पाया गया था कि 385 कंपनियां नियमों का पालन नहीं कर रही हैं।
मिश्रा ने कहा कि प्रदूषणकारी उद्योगों का मुआइना कराने के लिए एनएमसीजी ने देश के करीब दर्जनभर प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों की मदद ली। उन्होंने कहा कि 2016-17 से अब तक नियमों का पालन न करने वाली कुल 350 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है।