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एनआइए ने दो लश्कर आतंकियों के खिलाफ दाखिल किया आरोप पत्र, प्रमुख हिंदू शख्सियतों की हत्या की साजिश का आरोप

एनआइए (National Investigative Agency NIA) ने सोमवार को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के दो आतंकियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। दोनों पर विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 11:47 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 11:47 PM (IST)
एनआइए ने दो लश्कर आतंकियों के खिलाफ दाखिल किया आरोप पत्र, प्रमुख हिंदू शख्सियतों की हत्या की साजिश का आरोप
NIA ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के दो आतंकियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया।

बेंगलुरु, पीटीआइ। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigative Agency, NIA) ने सोमवार को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के दो आतंकियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। दोनों आतंकियों पर देश में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने और हिंदू समुदाय की प्रमुख शख्सियतों की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप है।

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एनआइए (National Investigative Agency, NIA) के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों आतंकियों बेंगलुरु के डा. शबील अहमद और हैदराबाद के असदुल्ला खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है।

बेंगलुरु में अगस्त, 2012 में दर्ज किया गया यह मामला प्रतिबंधित आतंकी संगठनों लश्कर ए तैयबा और हरकत उल जिहाद ए इस्लामी (हूजी) के सदस्यों द्वारा रची गई साजिश से संबंधित है। अधिकारियों के मुताबिक, उन्होंने कर्नाटक के बेंगलुरु व हुबली, महाराष्ट्र के नांदेड़ और तेलंगाना के हैदराबाद में हिंदू समुदाय की अहम शख्सियतों को निशाना बनाकर समाज में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने और समाज में आतंक फैलाने के लिए गैरकानूनी हथियार और गोला-बारूद जुटा लिए थे।

एनआइए (National Investigative Agency, NIA) ने नवंबर, 2012 में यह मामला दोबारा दर्ज किया था और 17 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। एनआइए प्रवक्ता ने बताया कि लश्कर के दोनों सदस्य अहमद और खान अन्य आरोपितों के साथ सऊदी अरब के दम्मम और रियाद के आतंकी संगठन के उद्देश्य में मदद करने और बढ़ाने के लिए आपराधिक साजिश में शामिल थे।

उन्होंने उन बैठकों में सक्रियता से हिस्सा लिया था जिसमें बेंगलुरु, हुबली और नांदेड़ में हिंदू समुदाय की अहम शख्सियतों की हत्या जैसी आतंकी गतिविधियों की योजना बनाई गई थी। सितंबर, 2016 में बेंगलुरु स्थित विशेष एनआइए अदालत ने इस मामले में 13 आरोपितों को दोषी करार दिया था और उन्हें पांच साल कैद की सजा सुनाई थी। 


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