हैदराबाद एनकाउंटर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, फौरन एक टीम को घटनास्थल पर भेजने को कहा
अधिकतर नेता व सामाजिक कार्यक्रता इस एनकाउंटर के पक्ष में है लेकिन कई नेता ऐसे भी है जो पहली ही बार में इस गलत करार दे चुके हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। तेलंगाना में वेटरनरी डॉक्टर की हत्या और सामूहिक दुष्कर्म के चारों आरोपी शुक्रवार तड़के एनकाउंटर में मारे गिराए गए। हैदराबाद व देश भर में लोगों का इसे लेकर खुशी का माहौल है। वहीं, संबंधित जगह पुलिस वालों पर फूल बरसाए गए। मिठाई भी खिलाई गई। हालांकि, जैसे-जैसे समय बीतता रहा, वैसे ही इस एनकाउंटर को लेकर भी कई सवाल उठने लगे। इस मामले के ज्यादा सुर्खियों में आने के बाद मानवाधिकार का मुद्दा भी ट्विटर पर ट्रेंड होने लगा। अब जहां राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) द्वारा इस मामले में संज्ञान ले लिया गया है।
तेलंगाना में पशु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 4 अभियुक्तों की आज सुबह पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मौत की मीडिया रिपोर्टों पर NHRC द्वारा संज्ञान लिया गया है। एनएचआरसी ने अपने महानिदेशक (Investigation) से कहा है कि वह इस मामले की जांच के लिए तुरंत एक टीम भेजे। एक एसएसपी की अध्यक्षता में आयोग के जांच प्रभाग की टीम से जल्द मौके पर पहुंचेगी और इस मामले में जल्द से जल्द रिपोर्ट भी सौंपेगी।
अधिकतर नेता व सामाजिक कार्यक्रता इस एनकाउंटर के पक्ष में है, लेकिन कई नेता ऐसे भी है, जो पहली ही बार में इस गलत करार दे चुके हैं। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, हर एनकाउंटर की जांच होनी चाहिए। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया है कि न्यायिक व्यवस्था से इतर ऐसे एनकाउंटर स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि न्याय कानून के तहत होना चाहिए था। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि गैर-न्यायिक हत्याएं महिलाओं के प्रति हमारी संजीदगी का जवाब नहीं हो सकती हैं। वहीं भाजपा सांसद मेनका गांधी ने कहा है कि आरोपियों को कानून के जरिए सजा दी जानी चाहिए थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि इस एनकाउंटर पर लोग खुशी जता रहे हैं। लेकिन, यह चिंता का विषय है कि लोगों का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम से भरोसा उठ गया है। वहीं कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि इसकी पूरी जांच होना चाहिए कि क्या यह वास्तविक मुठभेड़ थी और आरोपी भागने की कोशिश कर रहे थे।दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार सो रही है। उत्तर प्रदेश और दिल्ली की पुलिस को भी तेलंगाना पुलिस से सीख लेनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से इन राज्यों में अपराधियों की मेहमाननवाजी की जाती है।