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National Girl Child Day 2020: 257 साल लगेंगे बेटियों को हर मोर्चे पर बराबर लाने में, पढ़ें- विशेष रिपोर्ट

National Girl Child Day 2020 मिशन चंद्रयान हो या सरहद की सुरक्षा या राजपथ पर CRPF की डेयर डेविल टीम के संट्ट महिलाओं ने हर मोर्चे पर खुद को साबित किया है। फिर

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 08:59 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 09:20 AM (IST)
National Girl Child Day 2020: 257 साल लगेंगे बेटियों को हर मोर्चे पर बराबर लाने में, पढ़ें- विशेष रिपोर्ट
National Girl Child Day 2020: 257 साल लगेंगे बेटियों को हर मोर्चे पर बराबर लाने में, पढ़ें- विशेष रिपोर्ट

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर एक तरफ बेटियों को आगे बढ़ाने की बातें हो रही हैं तो दूसरी तरफ महिलाओं से जुड़े अपराधों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जब बेटियां बचेंगी ही नहीं तो आगे कैसे बढ़ेंगी। लिंगानुपात अभी भी साम्य को तरस रहा है। प्रतिकूल हालात में भी हमारी बालिकाएं हर क्षेत्र में नाम कमाने को आतुर हैं। हाल ही राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार में अगर 12 लड़के शामिल रहे तो 10 लड़कियों ने भी खुद को शामिल कराया।

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इसलिए मनाया जाता है

बच्चियों के गिरते लिंगानुपात के प्रति सजगता के चलते आज के दिन को राष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसके प्रति समाज में जागरूकता और उनकी शक्तियों के प्रति उन्हीं की सजगता के लिए साल 2008 से इस दिन को अब सरकार की ओर से राष्ट्रीय कन्या विकास मिशन के रूप में मनाया जाता है।

प्रचलित है यह प्रसंग

इसी से जुड़ा एक प्रसंग यह भी है कि इसी दिन इंदिरा गांधी पहली बार प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठी थीं। इसलिए आज के दिन उन्हें भी याद किया जाता है।

मनाने का तरीका

देशभर इस दिन को अलग-अलग तरह से मनाता है। सरकारी आयोजन होते हैं और सामाजिक संगठन अपने कार्यक्रम करते हैं। इस दिन सेव गर्ल चाइल्ड के नाम से जगह-जगह अभियान चलाए जाते हैं।

हर साल की अलग थीम

राष्ट्रीय बालिका दिवस को प्रदेश अलग-अलग थीम पर मनाते हैं। प्रदेश की स्थिति और जरूरत के मुताबिक सरकार विषय तय करती है और उसे लेकर आयोजन करती है।

इन बिंदुओं पर फोकस

देश में बेटियों के प्रति अलग तरह की मानसिकता ने समाज के साथ-साथ खुद बच्चियों के आत्मविश्वास को चुनौती दी है। उनके मन में असुरक्षा और असुविधा की भावना घर कर गई है। इसी के चलते इस दिन उनके अस्तित्व, शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, सुरक्षा जैसे मुद्दों के प्रति समाज में जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।

सशक्तिकरण के अन्य प्रयास

- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

- वन स्टॉप सेंटर योजना

- महिला हेल्पलाइन

- उज्ज्वला

- कार्यरत महिला आवास योजना

- स्वाधार गृह योजना

- नारी शक्ति

- पुरस्कार

- राज्य महिला सम्मान

- जिला महिला सम्मान

- स्त्री शक्ति पुरस्कार

- महिला इ-हाट

- निर्भया

- महिला शक्ति केंद्र

- महिला पुलिस वालेंटियर

देशभर में लड़कियों के लिए चल रहीं योजनाएं

- धन लक्ष्मी योजना, भारत सरकार (महिला और बाल विकास मंत्रालय)

- भाग्यलक्ष्मी योजना, कर्नाटक

- लाडली लक्ष्मी योजना, मप्र

- बालिका संरक्षण योजना, आंध्र प्रदेश

- लाडली योजना, दिल्ली और हरियाणा

- राजलक्ष्मी योजना, राजस्थान (बंद कर दी गई है)

- रक्षक योजना, पंजाब

- बालिका समृद्धि योजना (बीएसवाई), गुजरात

- बेटी है अनमोल योजना, हिमाचल प्रदेश

- मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना, बिहार

- मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, बिहार

- कुंअरबाइनू ममेरू योजना, गुजरात

- इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना, हिमाचल प्रदेश

- मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मध्य प्रदेश


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