कोविड-19 टास्क फोर्स ने वयस्क संक्रमितों के इलाज के लिए जारी की संशोधित गाइडलाइन, मरीजों को तीन वर्गों में बांटा
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतरगत आने वाले नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स ने वयस्क कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए संशोधित नैदानिक गाइडलाइन जारी की है। नई गाइडलाइन में कोरोना पाजिटिव पाए गए वयष्कों को तीन वर्गों में बांटा गया है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतरगत आने वाले नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स ने वयस्क कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए संशोधित नैदानिक गाइडलाइन जारी की है। नई गाइडलाइन में कोरोना पाजिटिव पाए गए वयष्कों को तीन वर्गों में बांटा गया है। इनमें माइल्ड, माडरेट और सर्व यानी गंभीर श्रेणी के मरीज शामिल हैं। संशोधित गाइडलाइन में तीनों प्रकार के मरीजों के लक्षणों, एहतियात और उपचार के बारे में जानकारी दी गई है।
COVID-19 National Task Force under Ministry of Health and Family Welfare releases revised clinical guidance for the management of adult COVID-19 patients pic.twitter.com/x4R6ZntVnz
— ANI (@ANI) January 17, 2022
पीएम मोदी ने ली थी बैठक
गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के मसले पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी जिसमें अधिकारियों को कई निर्देश जारी किए गए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने इस बैठक में बताया था कि इस समीक्षा बैठक के बाद मंत्रालय ने कोविड मरीजों की डिस्चार्ज नीति में बदलाव किया है। लव अग्रवाल ने बताया कि नई नीति के तहत कोविड-19 मरीजों की स्थिति को तीन भागों (हल्के, मध्यम और गंभीर) में बांटा गया है। बैठक में कोविड टास्क फोर्स के उच्चाधिकारी भी मौजूद थे।
माइल्ड केस
अब नई गाइडलाइन के मुताबिक कोविड-19 के माइल्ड केस में उन्हें रखा जाएगा जिन्हें बिना सांस लेने में तकलीफ के साथ संक्रमण है। ऐसे रोगियों को घर पर आइसोलेशन का पालन करना आवश्यक है। टास्क फोर्स की ओर से ऐसे रोगियों को शारीरिक दूरी बनाए रखने, हाथों की स्वच्छता के साथ घर में भी मास्क का उपयोग करने की भी सलाह दी गई है। हल्के कोविड से पीड़ित मरीजों को केवल सांस लेने में कठिनाई पर चिकित्सा सहायता लेने को कहा गया है। ऐसे मरीजों को तेज बुखार या पांच दिनों से अधिक समय तक गंभीर खांसी होने की स्थिति में भी चिकित्सा सहायता लेने को कहा गया है।
माडरेट और गंभीर केस
कोविड के माडरेट यानी मध्यम लक्षणों वाले संक्रमितों में उन्हें शामिल किया गया है जिनको सांस फूलने की शिकायत आ रही है या इनका घर पर आक्सीजन लेवल 90-93 प्रतिशत के बीच है। ऐसे लोग कोविड उपचार के लाभ के लिए क्लिनिकल वार्ड में भर्ती हो सकते हैं। ऐसे मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट दिया जाना चाहिए। वहीं गंभीर मामलों में उनको शामिल किया गया है जिनका आक्सीजन लेवल 90 फीसद से कम हैI इनकों आइसीयू में भर्ती कराया जाना चाहिए। ऐसे मरीजों को रेस्पिरेटरी सपोर्ट पर रखने की सलाह दी गई है।
गाइडलाइंस में एंटीवायरल दवा मोलनुपिराविर शामिल नहीं
संशोधित गाइडलाइंस में संक्रमण की तीन श्रेणियों (हल्का, मध्यम और गंभीर संक्रमण) में किसी भी श्रेणी के मरीजों के इलाज में एंटीवायरल दवा मोलनुपिराविर और मोनोक्लोनल एंडीबाडी काकटेल को शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा आइवरमेक्टिन, फेविपिराविर और डाक्सीसाइक्लिन जैसी दवाइयों को भी गाइडलाइंस से बाहर रखा गया है।