कोरोना काल में मदद को आगे आई राष्ट्रीय महिला आयोग, लांच करेगी मानसिक यातनाओं संबंधी हेल्पलाइन
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने रविवार को कहा कि इस हेल्पलाइन को लांच करने की तिथि अभी तय नहीं की गई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय महिला आयोग ने कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान मानसिक यातनाओं की बढ़ती शिकायतों पर चौबीसों घंटे चलने वाली हेल्पलाइन लांच करने की योजना बनाई है। पहले उत्तर भारत में इसे शुरू किया जाएगा। धीरे-धीरे इसका विस्तार समूचे भारत में किया जाएगा। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने रविवार को कहा कि इस हेल्पलाइन को लांच करने की तिथि अभी तय नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन को विकसित करने की परियोजना में चंडीगढ़ स्थित चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के परास्नातक संस्थान की अहम भूमिका है।
पिछले कुछ महीनों में महिलाओं से मिलने वाली उनकी मानसिक यातनाओं और उत्पीड़न की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए हेल्पलाइन शुरू करने का फैसला लिया गया है। राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के अनुसार उसे लॉकडाउन शुरू होने के कुछ दिनों बाद अप्रैल में मानसिक और भावनात्मक उत्पीड़न की 2320 शिकायतें मिली हैं। जबकि दिसंबर, 2019 और मार्च 2020 के बीच उसे 1550 शिकायतें मिली हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के साथ साइबर क्राइम की घटनाओं में अच्छी-खासी बढ़त देखने को मिली है। घरों में रहने को मजबूर अपराधी महिलाओं को ऑनलाइन ब्लैकमेल कर वसूली की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। देश में पहले चरण में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन लगाया गया। बाद में इसे 3 मई तक बढ़ा दिया गया। राष्ट्रीय महिला आयोग के अनुसार अप्रैल माह में महिलाओं के साथ साइबर क्राइम की 54 रिपोर्ट ऑनलाइन प्राप्त हुईं। जबकि मार्च में इस तरह की 37 शिकायतें और फरवरी में मात्र 21 शिकायतें ही ऑनलाइन या डाक से प्राप्त हुई थीं।
अश्लील फोटो, वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करने की शिकायतें बढ़ींं
इस समय लॉकडाउन के कारण सिर्फ ऑनलाइन शिकायतें ही प्राप्त की जा रही हैं। साइबर विशेषज्ञों का मानना है शिकायतों की यह संख्या वास्तविक मुकाबलों के सापेक्ष बहुत कम है। आकांक्षा फाउंडेशन की आकांक्षा श्रीवास्तव ने बताया कि हम लोगों को 25 मार्च से 25 अप्रैल के बीच कुल 412 शिकायतें मिलीं। इनमें से गंभीर प्रवृत्ति की 396 शिकायतें महिलाओं की ओर से मिलीं। इनमें से ज्यादातर शिकायतें अश्लील फोटो व वीडियो, अश्लील प्रस्ताव, धमकी, ब्लैकमेल, पैसा वसूली आदि से संबंधित थीं।