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Positive India: नैस्कॉम इस तकनीक से कर रहा है चीन के वुहान और हरियाणा में मदद

आईटी उद्योगों के संगठन नैस्कॉम की तकनीकी पहल से देश-विदेश में कोरोना से लड़ने में अच्छी मदद मिली है। चीन के वुहान शहर में नैस्कॉम द्वारा की गई तकनीकी मदद को सराहा भी गया है।

By Vineet SharanEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 09:11 AM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 09:12 AM (IST)
Positive India: नैस्कॉम इस तकनीक से कर रहा है चीन के वुहान और हरियाणा में मदद
Positive India: नैस्कॉम इस तकनीक से कर रहा है चीन के वुहान और हरियाणा में मदद

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योगों के संगठन नैस्कॉम की कुछ तकनीकी पहल से देश-विदेश में कोरोना से लड़ने में अच्छी मदद मिली है। चीन के वुहान शहर में नैस्कॉम द्वारा की गई तकनीकी मदद को सराहा भी गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और नैस्कॉम की एक पहल नैस्कॉम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में दो स्टार्ट-अप इन्क्यूबेट किए गए, जो कोरोना के प्रसार को रोकने में काफी हद तक रोकने में सफल रहे हैं।

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इनमें ड्रोनमैप्स हरियाणा और पंजाब सरकार के साथ काम कर रहा है, जबकि ब्लिंकइन चीन के वुहान अस्पताल को सेवाएं प्रदान कर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ निदेशक डॉ अजय कुमार गर्ग ने बताया कि नैस्कॉम सीओई इन्क्यूबेटेड स्टार्ट-अप्स द्वारा की जा रहे उत्कृष्ट कार्यों को देखकर खुश हैं। वे महामारी से निपटने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

ड्रोनमैप्स

ड्रोनमैप्स कोविड-19 ट्रैकिंग के दो भाग हैं। इनमें पहला है यूजर फेसिंग पब्लिक डैशबोर्ड, जो बड़े पैमाने पर आधिकारिक स्रोतों से विश्वसनीय जानकारी एकत्रित कर बनाया गया है। दूसरा, एक प्रशासनिक डैशबोर्ड है, जिसमें लोकेशन ट्रैकिंग, जियोफेंसिंग और प्रोडक्टिव एनालिटिक्स जैसे अधिक उन्नत फीचर हैं। वहीं, बीमारी के साथ यह मामलों की संख्या, पॉजिटिव केस, संदिग्ध मामलों, अस्पताल के मामले आदि को ट्रैक कर सकने में भी सक्षम है। उदाहरण के तौर पर सोशल मीडिया या वीएलआर (कॉल रिकॉर्ड) के माध्यम से सभी संदिग्ध मामलों की लगातार निगरानी की जाती है। इसके मार्फत यह सुनिश्चित किया जाता है कि अधिकारियों को उन स्थानों के बारे में पता है, जहां रोगी है। साथ ही मोबाइल फोन की पहचान कर यह पता लगाया जा सकता है कि कौन लोग रोगी के संपर्क में आए।

इसके अलावा, इससे पता लगाया जा सकता है कि किन क्षेत्रों को अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता होगी। आईएएस, एडीएल, डाईटेक के सचिव अजय तोमर ने कहा कि कोरोना को हराने के लिए प्रौद्योगिकी प्रमुख भूमिका निभा रही है। ड्रोनमैप्स के सह-संस्थापक उत्कर्ष सिंह ने कहा कि ड्रोनमैप्स में हम ड्रोन-आधारित मैपिंग और एआई एनालिटिक्स में विशेषज्ञता रखते हैं। उन्होंने बताया कि ड्रोनमैप्स द्वारा समाधान की क्षमताओं को देखते हुए हरियाणा के प्रमुख सचिव डाईटेक अंकुर गुप्ता ने उन्हें स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा के लिए सिफारिश की। डाईटेक के प्रधान सचिव अंकुर गुप्ता ने कहा कि स्टार्टअप अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि उनमें से अधिकांश टेक्नोलॉजी पर काम करती हैं, जिसका मानव जीवन पर तत्काल प्रभाव पड़ता है।

ब्लिंकइन

ब्लिंकइन रिमोट तकनीक ने वुहान में कोरोना से लड़ाई में बड़ी भूमिका निभाई। इसकी मदद से वुहान के हुओशेन्शन फील्ड अस्पताल की मॉनिटरिंग की गई। इसके द्वारा अस्पताल की एयर हैंडलिंग यूनिट को भी मॉनिटर किया गया। इसके अलावा, रोगियों की बढ़ती संख्या को इलाज मुहैया कराने के लिए एक इमरजेंसी फील्ड अस्पताल का भी निर्माण किया गया। जैसा कि मालूम है कि चीन के वुहान शहर में पहली बार कोरोना के काफी मामले सामने आए थे। वहीं चीन सरकार ने पीड़ितों की मदद के लिए एक अस्थायी क्षेत्र चिकित्सा इकाई का निर्माण करने का निर्णय लिया। ब्लिंकइन के को-फाउंडर हर्षवर्धन कुमार ने कहा कि ब्लिंकइन इंटेलीजेंट विजुअल असिस्टेंट कंपनी ने इस आपदा के लिए टेक सपोर्ट दिया। उन्होंने कहा कि इसकी मदद से दो अस्पतालों में एयर वेंटीलेशन सिस्टम लगाए जा सकें।  


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