भारत की तरक्की देख बदल गए NASA के सुर, इसरो के साथ बरकरार रखेगा सहयोग
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के चेयरमैन जेम्स ब्रिडेनस्टाइन ने कहा है कि नासा और इसरो के बीच सहयोग बरकरार रहेगा।
नई दिल्ली (पीटीआइ)। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के चेयरमैन जेम्स ब्रिडेनस्टाइन ने कहा है कि नासा और इसरो के बीच सहयोग बरकरार रहेगा। अभी कुछ ही दिन पहले ब्रिडेनस्टाइन ने अंतरिक्ष में मलबा पैदा करने को लेकर भारत के उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण की आलोचना करते हुए इसे 'भयानक चीज' बताया था। इसरो के अध्यक्ष के. सिवन को लिखे पत्र में ब्रिडेनस्टाइन ने कहा कि व्हाइट हाउस से मिले दिशा-निर्देशों के आधार पर वह मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अभियानों समेत कई मुद्दों पर साथ काम करने को लेकर उत्साहित हैं।
उन्होंने कहा कि आप के साथ हमारी साझेदारी के तहत, हम नासा-इसरो ह्यमून स्पेस फ्लाइट वार्किंग ग्रुप, प्लेनेटेरी साइंस वर्किंग ग्रुप, यूएस इंडिया अर्थ साइंस वर्किंग ग्रुप और हेलियोफिजिक्स वर्किंग ग्रुप में साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।
अपने पत्र में ब्रिडेनस्टाइन ने कहा कि उन्होंने इसरो को मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अभियान में सहयोग स्थगित करने के बाबत हाल ही में पत्र लिखा था। चार अप्रैल को लिखे पत्र से ऐसा प्रतीत होता है कि व्हाइट हाउस के हस्तक्षेप के बाद, दोनों संगठनों के बीच सहयोग बरकरार रहेगा।
नासा प्रमुख ने एक टाऊन हॉल बैठक में भारत के उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण की आलोचना की थी क्योंकि इसने अंतरिक्ष में मलबा पैदा किया और इससे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को खतरा हो सकता है।
गौरतलब है कि भारत द्वारा 28 मार्च को 'मिशन शक्ति' के तहत एंटी सैटेलाइट मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। इसके बाद भारत इस कामयाबी को हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है। भारत की इस उपलब्धि पर पहली बधाई अमेरिका से आयी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अंतरिक्ष अभियानों में भारत संग और सहयोग बढ़ाने की बात कही। इसके विपरीत अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भारत के इस परीक्षण को खतरनाक बताया था।