टिकट कटने पर कांग्रेसी दिग्गज अमीन कोप भवन में
गुजरात काग्रेस के दिग्गज और पूर्व उप मुख्यमंत्री नरहरी अमीन विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट नहीं मिलने से कोप भवन में चल गए है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला भी उन्हें मनाने पहुंचे लेकिन नाकाम रहे। पार्टी ने बड़े पद का लालच दिया, पर अमीन राजी नहीं हो रहे। अमीन वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला क
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात काग्रेस के दिग्गज और पूर्व उप मुख्यमंत्री नरहरी अमीन विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट नहीं मिलने से कोप भवन में चल गए है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला भी उन्हें मनाने पहुंचे लेकिन नाकाम रहे। पार्टी ने बड़े पद का लालच दिया, पर अमीन राजी नहीं हो रहे। अमीन वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला की तर्ज पर केंद्र में लालबत्ती चाहते हैं। पार्टी आलाकमान को अपनी ताकत दिखाने के लिए अमीन ने रविवार को सरखेज में कांग्रेस के असंतुष्टों का सम्मेलन बुलाया है। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस को एक और झटका देने के लिए अमीन पर चारा फेंका है।
चिमनभाई पटेल की सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे नरहरी अमीन पटेल गाधीनगर उत्तर सीट से टिकट चाहते थे लेकिन पिछले दो चुनाव हारना उनके लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गया। सख्त आलाकमान ने उनकी एक नहीं सुनी ओर वहा से अशोक पटेल को मैदान में उतारा है। काग्रेस से नाराज अमीन कोप भवन में है और जमकर काग्रेस नेताओं पर निशाना साध रहे है। काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल,प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया से लेकर काग्रेस दिग्गज शकर सिंह वाघेला तथा सासद विट्ठल रादडिया भी उनके निशाने पर है। अमीन का कहना है कि काग्रेस में भाई भतीजावाद जमकर चला है, इस चुनाव में पिता-पुत्र, भाई - भाई को टिकट बाटे गए है। शनिवार को काग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने अमीन के आवास पर जाकर उन्हे मनाने की कोशिश की लेकिन नतीजा सिफर रहा। बताया जाता है कि अमीन के समर्थन में शहर अध्यक्ष पंकज शाह समेत एक दर्जन पार्षद भी बगावत पर उतर आए हैं। विधायक साबीर काबलीवाला, फारुख शेख, शकर वाघेला समेत आधा दर्जन काग्रेस विधायकों ने इस मामले में आलाकमान से नाराजगी जताई है। वहीं, अहमदाबाद के पूर्व महापौर हिम्मत सिंह पटेल भी बेटे सुनील का टिकट ऐनवक्त पर काटे जाने से बेहद खफा हैं। राजीव शुक्ला ने उन्हे मनाने का प्रयास करते हुए पार्टी का शहर अध्यक्ष बनाने की पेशकश की है।
भाजपा को 645 काग्रेस को 184 करोड़ का चंदा
अहमदाबाद। गुजरात में विभिन्न कंपनियां भाजपा-काग्रेस पर खूब मेहरबान हैं। गत चार वर्षो में भाजपा को कंपनियों से जहा 645 करोड़ का चंदा मिला है, वहीं काग्रेस के हिस्से 184 करोड़ का फंड आया है। गुजरात सरकार के साथ भागीदारी करने वाले टोरेंट समूह ने जरूर कांग्रेस को ज्यादा चंदा दिया है। कंपनी की ओर से कांग्रेस को 14 करोड़ और भाजपा को 13 करोड़ का दान दिया गया है।
नेशनल इलेक्शन वॉच तथा एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स के आकड़ों के मुताबिक, 2004 से 2011 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को जहा 2 हजार आठ करोड़ का चंदा मिला है, वहीं भाजपा को 994 करोड़ का चुनावी चंदा मिला। 2007-11 के दौरान गुजरात में भाजपा को सबसे अधिक करीब 645 करोड़ रु जबकि काग्रेस को 184 करोड़ का चंदा मिला है। चंदा देने वालों में टोरेट, अदाणी, केडिला, मुंद्रा पार्ट, निरमा, दिशमान फार्मा, जायडस कैडिला जैसी कंपनिया प्रमुख है। अदाणी विल्मार ने भाजपा को डेढ़ करोड़, अदाणी ऐंटर ने 2.25, मुंद्रा पोर्ट, कैडिला फार्मा और जायडस वेलनेस ने एक-एक करोड़ रुपये दिए।
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