नरेंद्र सिंह तोमर बोले, अब तक किसानों के साथ हो चुकी है 12 बार बातचीत, आगे भी वार्ता के लिए तैयार
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम किसानों से कभी भी बात करने के लिए तैयार हैं। हम सुप्रीम कोर्ट के साथ नए कृषि कानूनों को लागू नहीं कर सकते। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गठित समिति को अभी अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करनी है।
नई दिल्ली, एएनआइ। नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने किसानों के साथ 12वें दौर की वार्ता की है। हम किसानों से आगे कभी भी बातचीत करने के लिए तैयार हैं। हम सुप्रीम कोर्ट के साथ नए कृषि कानूनों को लागू नहीं कर सकते। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गठित समिति को अभी अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करनी है।
We have held 12 rounds of talks with the farmers. We are ready to talk to farmers anytime. We can't implement the farm laws as the matter is with Supreme Court. The SC constituted committee is yet to submit its feedback: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar pic.twitter.com/yaJhP4Ghd2
— ANI (@ANI) February 25, 2021
वहीं, इसके पहले बुधवार को कृषि मंत्री ने कहा था कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार हमेशा से ही किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने को प्रयासरत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत सरकार किसानों से पूरी संवेदना के साथ चर्चा करती रही है। आज भी जब उनका कोई विचार आएगा, तो भारत सरकार हमेशा किसानों के साथ चर्चा करने को तैयार है।
तीन महीनों से चल रहा है आंदोलन
बता दें कि मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान लगभग तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सभी लोगों का तीनों नए कानूनों को रद करने और एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।
किसान समूहों ने आरोप लगाया है कि ये कानून मंडी और एमएसपी खरीद प्रणालियों को समाप्त कर देंगे और किसानों को बड़े कॉर्पोरेट की छोड़ देंगे। हालांकि, सरकार ने इन आशंकाओं को पूरी तरीके से खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों को अगले आदेश तक लागू करने पर रोक लगा दी थी और गतिरोध को हल करने के लिए चार सदस्यीय पैनल नियुक्त किया है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त समिति से खुद को वापस ले लिया था।