राहत निगरानी में मोदी ने बिहार में उतारे चार मंत्री
नेपाल से लेकर भारत तक भूकंप की त्रासदी से निपटने में अपनी सक्रियता के लिए चौतरफा सराहना पा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहत कार्य की निगरानी में अपने चार वरिष्ठ मंत्री उतार दिए हैं। नेपाल से सटे बिहार के रक्सौल में सोमवार को ही केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नेपाल से लेकर भारत तक भूकंप की त्रासदी से निपटने में अपनी सक्रियता के लिए चौतरफा सराहना पा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहत कार्य की निगरानी में अपने चार वरिष्ठ मंत्री उतार दिए हैं। नेपाल से सटे बिहार के रक्सौल में सोमवार को ही केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बेस कैंप की शुरुआत करा दी।
वहीं बुधवार को कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और रसायन व उर्वरक मंत्री अनंत कुमार बिहार का दौरा करेंगे और पूरे हालात से प्रधानमंत्री को रूबरू करेंगे। खुद प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर रक्सौल में प्रधान की मौजूदगी की जानकारी दी। सरकार की ओर से यह स्पष्ट संकेत दे दिया गया है कि वह राहत-बचाव से लेकर पुननिर्माण तक साथ खड़ी भी रहेगी और नजर भी रखेगी।
राहत कार्य अंजाम तक पहुंचाने की कवायद
केंद्र सरकार कुछ भी दूसरों के हवाले छोड़कर निश्चिंत होना नहीं चाहती है। अपने बूते राहत कार्य को अंजाम तक पहुंचाने के मकसद से केंद्रीय मंत्री भी तैनात कर दिए गए हैं। नेपाल में चल रहे राहत कार्य के लिए दूसरे सामान के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल सबसे अहम हैं।
ऐसे में प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए पहले धर्मेद्र प्रधान को रक्सौल भेजा गया। नेपाल से हजारों की संख्या में आ रहे भारतीयों को सकुशल घर तक पहुंचाने के लिहाज से तीन मुफ्त रेल सेवा भी शुरू कर दी गई है। प्रधान सोमवार की रात रक्सौल में रुके।
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‘दैनिक जागरण’ से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस दौरान बेस कैंप के निरीक्षण के साथ ही मुख्य रूप से पेट्रोल सप्लाई चालू रखने पर जोर रहा। कुछ स्थान पर लाइन में भी गड़बड़ी आ गई थी जिसे दुरुस्त किया गया। उन्होंने बताया कि इंडिया-नेपाल चैंबर ऑफ कामर्स के प्रतिनिधियों से भी चर्चा हुई और यह सुनिश्चित किया गया कि सीमा के दोनों ओर राहत में कोई अड़चन न आए।
तीन मंत्री बिहार से रखते हैं संबंध
बुधवार को राधामोहन, नड्डा और अनंत कुमार विशेष फ्लाइट से पटना जाएंगे और वहां से हेलीकाप्टर से सीधे रक्सौल। अगर मौसम खराब हुआ तो वह पटना से सड़क के रास्ते रक्सौल पहुंचेंगे। बेस कैंप के निरीक्षण के बाद पटना के पीएमसीएच में भर्ती लोगों से मिलेंगे, समीक्षा करेंगे और फिर लौटकर पीएम को जानकारी देंगे।
बिहार के नजदीकी हिस्सों में क्षति का भी आकलन किया जा सकता है। ध्यान रहे कि तैनात किए गए मंत्री चार मंत्रियों में से तीन बिहार से सीधे तौर पर संबंध रखते हैं। राधामोहन और प्रधान बिहार से संसद में प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि नड्डा लंबे समय तक बिहार में रह चुके हैं।
मानवीयता के साथ कूटनीति भी
सरकार की ओर से पहले ही यह संकेत दिया जा चुका है कि वह आखिरी समय तक प्रभावित राज्यों के साथ भी खड़ी है और पड़ोसी नेपाल के साथ भी। नेपाल के आंसू पोछने की बात प्रधानमंत्री कह चुके हैं। हालांकि सबकुछ मानवीयता के आधार पर है लेकिन इससे भी इन्कार नहीं किया जा सकता है कि कूटनीतिक स्तर पर पूरी कवायद ने सरकार की पैठ और मजबूत कर दी है। भावनात्मक रूप से नेपाल जहां और नजदीक होगा वहीं कुछ ही महीनों में दी चुनाव मे जा रहे बिहार ने भी मोदी सरकार के कामकाज और तौर-तरीकों का असर देख लिया है।
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