बाबरी ध्वंस के वक्त निष्क्रिय रहे राव
अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वंस को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के रवैये पर नए सिरे से बहस और सवाल शुरू हो गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के बाद अब वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर ने भी अपनी आत्मकथा में राव पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है। कुलदीप नैयर ने अपनी आत्मकथा 'बियोंड द लाइन्स' में कहा है कि अयोध्या में जब कारसेवक विवादित ढांचा गिरा रहे थे, उस समय राव पूजा में जाकर बैठ गए थे। ढांचा ध्वंस की खबर मिलने के बाद ही उनकी पूजा समाप्त हुई। नैयर की यह किताब जल्द ही बाजार में आएगी।
नई दिल्ली। अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वंस को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के रवैये पर नए सिरे से बहस और सवाल शुरू हो गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के बाद अब वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर ने भी अपनी आत्मकथा में राव पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है। कुलदीप नैयर ने अपनी आत्मकथा 'बियोंड द लाइन्स' में कहा है कि अयोध्या में जब कारसेवक विवादित ढांचा गिरा रहे थे, उस समय राव पूजा में जाकर बैठ गए थे। ढांचा ध्वंस की खबर मिलने के बाद ही उनकी पूजा समाप्त हुई। नैयर की यह किताब जल्द ही बाजार में आएगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह की आत्मकथा 'ए ग्रेन ऑफ सेंड इन द ऑवरग्लास ऑफ टाइम' में दावा किया गया है कि विवादित ढांचा ध्वंस की खबर मिलने पर राव ने अपनी आंखें मूंद ली थी और खुद को कमरे में बंद कर लिया था।
'नरसिंह राव की सरकार' नाम के एक अध्याय में नैयर ने लिखा है, 'राव ने विवादित ढांचा ध्वंस की पूरी तरह अनदेखी की। छह दिसंबर, 1992 को जब कारसेवकों ने ढांचा गिराना शुरू किया तब राव पूजा में जाकर बैठ गए थे और मस्जिद का आखिरी पत्थर गिराए जाने तक पूजा में ही बैठे रहे। दिवंगत समाजवादी नेता मधु लिमये ने बाद में मुझे बताया कि पूजा के दौरान राव के एक सहयोगी ने उनके कान में कहा था कि ढांचा ढहा दिया गया और कुछ ही सेकेंड के बाद राव पूजा समाप्त करके उठ खड़े हुए।'
नैयर ने लिखा है,'ढांचा ध्वंस के बाद भड़की हिंसा के दौरान राव ने कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को अपने घर पर बुलाया था। तब राव ने हमें यह समझाने की कोशिश की कि उनकी सरकार ने ध्वंस रोकने का पूरा प्रयास किया था, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने उन्हें धोखा दिया। रातोंरात वहां पर एक छोटा सा मंदिर बनाने के सवाल पर उन्होंने भरोसा दिलाया था कि यह ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगा। नैयर ने किताब में यह भी लिखा है, 'सोनिया गांधी राव को पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्रीके रूप में पसंद नहीं करती थी।'
वहीं, नरसिंह राव के पुत्र पीवी रंगा राव ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, 'मेरे पिता मुसलमानों के समर्थक थे। ढांचा ध्वंस के बाद उन्होंने हमसे कई बार कहा था कि यह नहीं होना चाहिए था।' कुलदीप नैयर जैसे लेखक द्वारा लगाए गए आरोप पर अफसोस जताते हुए रंगा राव ने कहा, 'निहित स्वार्थी तत्व उनके पिता को बदनाम करने के लिए उनकेखिलाफ जहर उगलने लगे हैं जबकि उनकेपिता अब अपना बचाव करने के लिए इस दुनिया में मौजूद नहीं हैं।'
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