13 देशों ने मिलकर किया 163 चक्रवाती तूफानों का नामकरण, जानिए किस देश ने क्या रखे नाम
भारत के मौसम विभाग के अनुसार 13 देशों ने मिलकर उत्तरी हिंद महासागर अरब सागर और हिंद महासागर में आने वाले 163 चक्रवाती तूफानों का नामकरण किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत के मौसम विभाग के अनुसार 13 देशों ने मिलकर उत्तरी हिंद महासागर, अरब सागर और हिंद महासागर में आने वाले 163 चक्रवाती तूफानों का नामकरण किया है। इनमें से कुछ चुनिंदा नाम शाहीन, गुलाब, तेज, अग्नि, आग आदि हैं। इससे पहले वर्ष 2004 में उत्तर हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवाती तूफान आने के बाद भारतीय मौसम विभाग ने आठ देशों के साथ मिलकर संभावित तूफानों के नाम रखे थे।
अगले तूफान का नाम थाईलैंड ने रखा
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया कि फिलहाल अगला चक्रवाती तूफान अंफान होगा। यह नाम थाईलैंड ने रखा है। यह तूफान 2004 की सूची में शामिल है। दक्षिणी अंडमान सागर में निम्न दबाव के चलते इसके बंगाल की खाड़ी में आने की आशंका है।
2018 में गठित किया गया पैनल
वर्ष 2018 में आपसी तालमेल के लिए एक नया पैनल गठित किया गया था जिस पर भावी चक्रवाती तूफानों के नाम रखने की जिम्मेदारी थी। इसी के चलते बांग्लादेश, भारत, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और यमन ने मिलकर इन तूफानों के नाम रखे हैं। मोहपात्रा को विश्व मौसम संगठन (डब्लूएमओ) ने दूत नियुक्त किया है।
मोहपात्रा ने बताया कि चूंकि अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और उत्तरी हिंद महासागर में एक साल में पांच चक्रवाती तूफान आ जाते हैं तो यह सूची अगले 25 सालों के लिए तैयार हो गई है। हर देश ने 13 तूफानों के नाम रखे हैं। इन नामों में अर्नब नाम बांग्लादेश ने, शाहीन को कतर, लुलू को पाकिस्तान ने दिया है। वहीं, भारत ने गति, तेज, मरासु (तमिल संगीत वाद्ययंत्र), आग और नीर नाम रखे हैं।
क्यों रखे जाते हैं नाम
उन्होंने कहा कि चक्रवातों का नाम रखने से वैज्ञानिक समुदायों को उनके विश्लेषण और रिकार्ड रखने में सुविधा होती है। इन तूफानों के लिए चेतावनी जारी करना और जागरूकता फैलाना भी सरल हो जाता है।